हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि जिला में अभी तक कोरोना का एक भी पोजिटिव मरीज नहीं है, इसलिए लोगों को किसी भी प्रकार से डरने की आवश्यकता नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना के संक्रमण पर रोक के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और इसमें सफलता के लिए आमजन के सहयोग की जरूरत है।
उपायुक्त ने बताया कि विदेश से यात्रा करके आने वाले लोगों को 14 दिन के लिए उनके घरों में ही रहने की सलाह देकर उनके घर के आगे होम क्वारेंटाइन का बोर्ड चस्पा किया गया है ताकि अन्य व्यक्ति उनके संपर्क से दूर रहें। ऐसे लोगों को निर्धारित समयावधि पूरी होने तक घरों से बाहर निकलने की मनाही की गई है। होम क्वारेंटाइन में रखे गए ये यात्री कोरोना पोजीटिव नहीं हैं और इनको एहितायत के तौर पर इनके घर में ही एकांत प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना पोजिटिव मिलता है तो उन्हें उपचार के लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर्स में रखा जाएगा। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, हांसी की जाट धर्मशाला तथा अग्रोहा धाम में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया है किसी प्रकार की सोशल मीडिया/अन्य मीडिया के माध्यम से इन पैसेंजर के बारे में भ्रामक अफवाह न फैलाएं। ऐसा करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्यवाही की जाएगी।
उप-सिविल सर्जन (मलेरिया/आईडीएसपी) डॉ. जया गोयल ने बताया कि कोरोना के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा आमजन को जागरूक किया जा रहा है तथा लगभग 30 हजार पंफलेट्स जिला हिसार के सभी सीएचसी/पीचएचसी/सब सेंटर्स मे बंटवा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ प्रतिदिन मीटिंग करके स्थिति की जानकारी ले रहीं हैं और आवश्यक मार्गदर्शन कर रही हैं। उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी विभागों को कन्टेन्टमेंट प्लान क्रियान्वित करने बारे दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि सभी सीएचसी/एसडीएच में सभी स्टाफ की ट्रेनिंग करवा दी गई है। जिला के ऐसे 168 पैसेंजर ट्रेस किए गए हैं जिनकी सूची स्टेट हेड क्वार्टर पंचकुला से आई थी। इनमें से सभी 168 पैसेंजर ट्रेस आउट कर लिए गए हैं। इनमें से 56 पैसेंजर का 28 दिन का पीरियड विदेश से आने के बाद पूरा हो गया है। इन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा ट्रेस आउट किया जाता है और लक्षण होने पर आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपलिंग की जाती है।