हिसार

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से प्रभावित पीटीआई अध्यापकों का रोजगार बचाने के लिए राज्य सरकार कदम उठाए : किरमारा

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने आज एक बयान जारी कर कहा कि 2010 में भर्ती हुए 1983 पीटीआई अध्यापकों की भर्ती को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से इन अध्यापकों पर रोजी-रोटी की तलवार लटक गई है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां देश व प्रदेश कोरोना महामारी से जुझ रहा है और सरकार कह रही है कि किसी भी परिवार को भूखा नहीं सोने देंगे। वहीं दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उक्त पीटीआई अध्यापक अपने रोजगार को लेकर चिंतित हैं।
राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि सरकार को इस मामले में आवश्यक कदम उठाना चाहिए और इनके रोजगार को बचाना चाहिए, ताकि इनके परिवारों की रोजी-रोटी की चिंता दूर हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ व पैरा मैडिकल स्टाफ का वेतन दोगुना करने की बात कही है, लेकिन संबंधित कर्मचारियों ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए दोगुना वेतन लेने से इंकार कर यह साबित कर दिया है कि हरियाणा का कर्मचारी केवल वेतन के लालच में काम नहीं कर रहा है अपितु जनता के प्रति अपने कर्तव्य का पालन कर रहा है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि कोरोना महामारी में अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी ड्यूटी निभा रहे कर्मचारी व अधिकारी धन्य हैं, जो सैनिकों की तरह देश के लिए काम कर रहे हैं। चाहे वह पुलिस कर्मचारी हो, सफाई कर्मचारी हो, स्वास्थ्य विभाग या फिर रोडवेज का कर्मचारी हो। जिसकी जहां ड्यूटी लगाई जाती है उसके लिए वह 24 घंटे तैयार रहते हैं।
राज्य प्रधान ने कहा कि इसी प्रकार सरकार को भी अपना दायित्व निभाते हुए सरकारी विभागों का निजीकरण करने का अपना फैसला वापस लेकर सरकारी विभागों को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2010 में लगे पीटीआई अध्यापकों को लेकर दिए गए फैसले को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए इन अध्यापकों का रोजगार बचाने का काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज संकट की घड़ी में प्रदेश का प्रत्येक कर्मचारी जोखिम भरी ड्यूटी बिना किसी शर्त पर करने को तैयार है। इसके साथ-साथ स रकार को भी अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना चाहिए।

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