जीवन शैली को लेकर समझ को विकसित करने का मौका है लाकडाऊन
हिसार,
कोरोनावायरस से बचाव के लिए लागू किये गये लाकडाऊन के बाद लोगों को होने वाली सामान्य शारीरिक बीमारियों में काफी कमी आई है। इसके साथ ही लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव का विचार करने का मौेका भी मिला है।
वास्तु एवं लाइफ काउंसलर सत्यपाल अग्रवाल ने बताया कि स्वैच्छिक सामाजिक संस्था सजग द्वारा कोरोना को लेकर 16 मार्च से जारी निःशुल्क काउंसिलिंग के दौरान लोगों से हुई बातचीत में यह सुखद अनुभव प्राप्त हुआ। काउंसिलिंग के दौरान कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें कोई नई बिमारी तो छोड़ो पहले से व्याप्त बीमारियों की तकलीफों में भी कमी लग रही है। उन्होंने सामान्य शारीरिक बिमारियों में कमी आने के बने कारणों की बाबत बताया कि इस समय विश्व स्तर पर छाया कोरोना संकट, जिसकी न कोई दिशा और ना ही कोई सीमा किसी को समझ में आ रही है, को लेकर सभी के दिलों दिमाग में एक अजीब सी उलझन व भय समाया हुआ है और यह एक मनोवैज्ञानिक प्रभाव है कि सारा ध्यान कोरोना की तरफ केंद्रित होने की मनोस्थिति के चलते लोग व्याप्त बिमारियों की तकलीफों को कम महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सामान्य शारीरिक बीमारियों में वास्तव में कमी आने का मुख्य कारण लोगों की जीवन शैली में आये सकारात्मक बदलाव को बताते हुए कहा है कि सोशल डिस्टेंसिंग के कारण घरों में रहने से आधुनिक भागदौड़ भरे युग की व्यस्त जीवन शैली में आपा-धापी का कम होना, खाने पीने की वस्तुओं व आदतों में बदलाव आना और सबसे महत्वपूर्ण लाकडाऊन के चलते पर्यावरण में आये आशातीत सुधार इसके मुख्य कारण है।
सत्यपाल अग्रवाल ने कहा कि इन सुखद बदलाव ने कोरोना वायरस की मार झेलती दुनिया को वो मौक़ा दिया है कि जीवनशैली में बदलाव करने पर विचार कर सकें, अगर इस मौक़े का इस्तेमाल कर लोग जीवन शैली को लेकर अपनी समझ को विकसित कर लें तो दूरगामी परिणाम काफ़ी सार्थक सिद्ध हो सकते हैं।