महात्मा हंसराज की 156वीं जयंती पर विशेष
हिसार,
आर्य समाज के प्रमुख नेता, शिक्षाविद व डीएवी संस्थाओं का शुभारंभ करने वाले राष्ट्रभक्त, त्यागमूर्ति, समाजसुधारक महात्मा हंसराज जी की 156वीं जयंती के अवसर पर आज अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए डीएवी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य शिरोमणि डॉ. पूनम सूरी ने कहा कि देश के शिक्षा जगत में क्रांति लाने में उनका प्रमुख योगदान है। उन्होंने भारतीय ज्ञान और विज्ञान का आधुनिक शिक्षा में समावेश का संदेश दिया। महात्मा जी चाहते थे मानवता के बिना मानव अधूरा है इसलिए औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ जीवन मूल्यों की शिक्षा भी दी जाए। ”श्री सूरी ने डीएवी के सभी शिक्षकों को आहवान किया है कि वे डीएवी के 34 लाख छात्र-छात्राओं को प्रतिदिन एक सुविचार अवश्य दें और फिर अपने विषय पर बोलें। इससे वैचारिक क्रांति आएगी और मजबूत समाज बनाने में सहायता मिलेगी। अच्छे विचारों से ही अच्छे कर्म सम्पन्न होते हैं जिनका सुफल प्राप्त होता है।ÓÓ
कोरोना के खिलाफ जंग में डीएवी स्टाफ की भूमिका की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि आपने वेतन से योगदान दिया, ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हो और लॉकडाउन में घर में रहकर अपनी व सभी की सुरक्षा में सहायता कर रहे हो। इसके लिए मैं आपका तहेदिल से आभार व्यक्त करता हूं।
डॉ. सूरी ने कहा कि आज देश की युवा पीढ़ी को अध्यात्मम की ओर ले जाना भी बहुत जरूरी है,क्योंकि भौतिकवाद में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को धर्म-शिक्षक की भूमिका भी निभानी पड़ेगी और अपने विषय के साथ छात्र के व्यक्तित्व के दोनों पहलुओं अर्थात विज्ञान व अध्यात्म पर ध्यान देना होगा।