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मन की बात : युवाओं को दिया अपनी क्षमता का मंत्र, ईद तक दुनिया को कोरोना मुक्त बनाने की प्रार्थना

नई दिल्ली,
मोदी सुबह 11 बजे ‘मन की बात’ मासिक रेडियो कार्यक्रम के 64वें एडिशन में लोगों से रुबरु हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कई ऐसे पहलू जानने को मिले जिस पर आपाधापी में ध्यान ही नहीं जाता। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई पीपल ड्रिवन है। यह लड़ाई जनता लड़ रही है। जब पूरा विश्व इस महामारी से जूझ रहा है। भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी तो भारत की पीपल ड्रिवन लड़ाई की चर्चा जरूर होगी।

हर वर्ग की चर्चा
पीएम मोदी ने कहा— हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है। कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को, PMCARES में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई mask बना रहा है,कहीं मजदूर भाई-बहन quarantine बाद school की रंगाई-पुताई कर रहे हैं।

स्वास्थ्यकर्मियों और किसानों की प्रशंसा
उन्होंने कहा सरकार ने http://covidwarriors.gov.in के माध्यम से सामाजिक संस्थाओं के Volunteers, Civil Society के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक-दूसरे से जोड़ दिया है। इनमें Doctor, Nurses, ASHA, ANM, NCC, NSS व अन्य professionals हैं जो crisis management plan बनाने मदद कर रहें हैं। हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिये – एक तरफ, वो, इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोये।

सरकारी विभागों के कार्यों की जानकारी
प्रधानमंत्री ने कहा देश के हर हिस्से में दवाईयों को पहुंचाने के लिए LifelineUdan नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है। 500 टन से अधिक Medical सामग्री देश के कोने-कोने में पहुंचा है। रेलमंत्रालय 100 से भी ज्यादा पार्सल ट्रेन चला रही है। ये सच्चे अर्थ में, CoronaWarriors हैं। प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज़ के तहत ग़रीबों के Account में पैसे, सीधे transfer किए जा रहे हैं। वृद्धावस्था पेंशन जारी की गई है। गरीबों को 3 महीने के मुफ़्त गैस सिलेंडर, राशन सुविधायें दी जा रही हैं। इसमें, सरकारी विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर दिन-रात काम कर रहे हैं।
हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूंगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी, कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई में बड़ी भूमिका है। उनका ये परिश्रम बहुत प्रशंसनीय है। हमारे डॉक्टर, Nurses , para-medical staff, Community Health Workers और ऐसे सभी लोग, जो देश को ‘कोरोना-मुक्त’ बनाने में दिन-रात जुटे हुए हैं,उनकी रक्षा करने के लिए ये कदम बहुत ज़रुरी था।
मेरे प्यारे देशवासियों, हम सब अनुभव कर रहे हैं कि COVID19 महामारी के खिलाफ़ इस लड़ाई के दौरान हमें अपने जीवन को, समाज को, आप-पास हो रही घटनाओं को, एक fresh नज़रिए से देखने का अवसर भी मिला है। समाज के नज़रिये में भी व्यापक बदलाव आया है।

पुलिसकर्मियों की प्रशंसा
मोदी ने कहा डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों – इतना ही नहीं, हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफ़ी बदलाव हुआ है। हमारे पुलिसकर्मी ग़रीबों, ज़रुरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं। जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे POLICING का मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर के आया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने, इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में लिया है। हम सबने इस सकारात्मकता को कभी भी नकारात्मकता के रंग से रंगना नहीं है।

संस्कृति का दिया ज्ञान
उन्होंने कहा प्रकृति, विकृति और संस्कृति, इन शब्दों को एक साथ देखें और इसके पीछे के भाव को देखें तो आपको जीवन को समझने का भी एक नया द्वार खुलता हुआ दिखेगा।‘ये मेरा है’,‘मैं इसका उपयोग करता हूं’ बहुत स्वाभाविक माना जाता है। इसे हम ‘प्रकृति’ कह सकते हैं।
जो मेरा नहीं है’,‘जिस पर मेरा हक़ नहीं है’ उसे मैं दूसरे से छीन लेता हूँ, उसे छीनकर उपयोग में लाता हूँ तब हम इसे ‘विकृति’ कह सकते हैं । इन दोनों से परे,प्रकृति और विकृति से ऊपर जब कोई संस्कारित-मन सोचता है या व्यवहार करता है तो हमें ‘संस्कृति’ नज़र आती है।
भारत ने अपने संस्कारो के अनुरूप, हमारी सोच के अनुरूप, हमारी संस्कृति का निर्वहन करते हुए कुछ फ़ैसले लिए। संकट की इस घड़ी में, दुनिया के लिए,समृद्ध देशों के लिए भी दवाईयों का संकट बहुत ज्यादा रहा है।भारत ने अपने संस्कृति के अनुरूप फैसला लिया।

आयुर्वेद का महत्व समझाया
प्रधानमंत्री ने कहा दुनिया-भर में भारत के आयुर्वेद और योग के महत्व को लोग बड़े विशिष्ट-भाव से देख रहे हैं। कोरोना की दृष्टि से, आयुष मंत्रालय ने immunity बढ़ाने के लिए जो protocol दिया था, मुझे विश्वास है कि आप लोग, इसका प्रयोग, जरुर कर रहे होंगे।

युवा पीढ़ी से अपील
उन्होंने वैसे ये दुर्भाग्य रहा है कि कई बार हम अपनी ही शक्तियां और समृद्ध परम्परा को पहचानने से इंकार कर देते हैं। लेकिन, जब विश्व का कोई दूसरा देश,evidence based research के आधार पर वही बात करता है। तो हम उसे हाथों-हाथ ले लेते हैं।युवा-पीढ़ी को अब इस चुनौती को स्वीकार करना होगा।

मास्क को बना ली आदत
मोदी ने कहा साथियो, वैसे Covid_19 के कारण कई सकारात्मक बदलाव, हमारे काम करने के तरीके, हमारी जीवन-शैली और हमारी आदतों में भी स्वाभाविक रूप से अपनी जगह बना रहे हैं । इनमें सबसे पहला है – mask पहनना और अपने चेहरे को ढ़ककर रखना। जब मैं mask की बात करता हूं, तो, मुझे पुरानी बात याद आती हैं। एक जमाना था, कि हमारे देश के कई ऐसे इलाके होते थे कि, वहां अगर कोई नागरिक फल खरीदता हुआ दिखता था तो लोग उसको जरुर पूछते थे– क्या घर में कोई बीमार है? समय बदला और ये धारणा भी बदली।

थूकने की आदत छोड़े
उन्होंने अपील की कि हमारे समाज में एक और बड़ी जागरूकता ये आयी है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं। अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए। ये बातें जहाँ basic hygiene का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी।

अक्षय तृतीय का समझाया महत्व
प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा—मेरे प्यारे देशवासियो, ये सुखद संयोग ही है, कि, आज जब आपसे मैं MannKiBaat कर रहा हूँ तो अक्षय तृतीया का पवित्र पर्व भी है साथियो, ‘क्षय’ का अर्थ होता है विनाश लेकिन जो कभी नष्ट नहीं हो, जो कभी समाप्त नहीं हो वो ‘अक्षय’ है। माना जाता है कि यही वो दिन है जिस दिन भगवान श्रीकृष्ण और भगवान सूर्यदेव के आशीर्वाद से पांडवों को अक्षय-पात्र मिला था। अक्षय-पात्र यानि एक ऐसा बर्तन जिसमें भोजन कभी समाप्त नही होता है। क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया का यह पर्व दान की शक्ति का भी एक अवसर होता है। इसलिए पीएम केयर में अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करे।

ईद से पहले हो कोरोना मुक्त दुनिया
पीएम ने कहा साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमज़ान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाये। मुझे विश्वास है कि रमज़ान के इन दिनों में स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना के खिलाफ़ चल रही इस लड़ाई को हम और मज़बूत करेंगे ।

सभी पर्व घर पर मनाये
पिछले दिनों ही हमारे यहां बिहू, बैसाखी, पुथंडू, विशू, ओड़िया New Year ऐसे अनेक त्योहार आये। हमने देखा कि लोगों ने कैसे इन त्योहारों को घर में रहकर, सादगी के साथ मनाया। लॉकडाउन के नियमों का पालन किया। इस बार हमारे ईसाई दोस्तों ने #Easter भी घर पर ही मनाया है।

बताया अपना फर्ज
मेरे प्यारे देशवासियों, इस वैश्विक-महामारी, COVID19 Pandemic के संकट के बीच आपके परिवार के एक सदस्य के नाते और आप सब भी मेरे ही परिवार-जन हैं, तब कुछ संकेत करना, कुछ सुझाव देना, यह मेरा दायित्व भी बनता है।

स्मरण करवाई पूर्वजों की बात
याद रखिये, हमारे पूर्वजों ने कहा है-

‘अग्नि: शेषम् ऋण: शेषम् ,
व्याधि: शेषम् तथैवच |
पुनः पुनः प्रवर्धेत,
तस्मात् शेषम् न कारयेत ||

हल्के में लेकर छोड़ दी गयी आग, कर्ज़ और बीमारी, मौक़ा पाते ही दोबारा बढ़कर ख़तरनाक हो जाती हैं।

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