हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के मद्देनजर विशेष एडवाइजरी जारी करते हुए जिलावासियों को व्हाट्स एप या ई-मेल पर आने वाले फर्जी लिंक से सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने अनुरोध किया है कि नागरिक सोशल मीडिया या ई-मेल पर आए किसी भी संदिग्ध लिंक पर व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें, क्योंकि ऐसा करने से वे साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
उपायुक्त ने बताया कि लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए भोले-भाले नागरिकों के बैंक खातों से पैसे निकालने के लिए साइबर अपराधी कई प्रकार के हथकंडे अपना रहे हैं। इसलिए कोविड-19 के नाम पर सोशल मीडिया और ईमेल पर आने वाले किसी भी फर्जी लिंक को खोलने से बचें।
ऐसे साइबर अपराधी पीएम केयर फंड से मिलती-जुलती नकली यूपीआई आईडी के माध्यम से डोनेशन बारे कहकर लोगों से धोखाधडी कर रहे हैं। इसी प्रकार, आपदा प्रबंधन का फर्जी बैंक खाता सोशल मीडिया पर डालकर उसमें पैसे जमा कराने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल साइट्स पर डाले गए किसी भी असत्यापित खाते में रकम जमा न कराएं। अंशदान करने से पहले पूरी जांच कर लें तथा इसके लिए आधिकारिक लिंक का ही प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि साइबर ठगी के अन्य तरीकों में फर्जी ऑनलाइन शॉपिंग साइट बनाकर ज्यादा डिस्काउंट पर फेस मास्क, सेनिटाइजर आदि बेचने के नाम पर धोखाधड़ी करना, संक्रमण से बचाव के लिए सरकारी वेबसाइट्स से मिलता जुलता पेज बनाकर धोखाधड़ी करना, डब्ल्यूएचओ या अस्पताल कर्मी बताकर लोगों को कॉल करना व कोरोना संक्रमण किट उपलब्ध करवाना तथा होम डिलीवरी के नाम पर ओटीपी मांग कर धोखाधडी करना आदि शामिल हैं।
डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि जिलावासी सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार के फर्जी या असत्यापित लिंक को न खोलें और अज्ञात नंबरों द्वारा भेजे गए ओटीपी को साझा करने से बचें क्योंकि इससे हैकर्स को उनकी निजी जानकारी हासिल हो सकती है। लॉकडाउन में साइबर धोखाधड़ी करने वाले कोविड-19 से संबंधित मालवेयर लिंक प्रसारित कर रहे हैं। इसे खोलते ही अपराधी रिसीवर के फोन या कंप्यूटर से पासवर्ड सहित गोपनीय डाटा चुरा लेते हैं। आपकी थोड़ी सी चूक मेहनत की कमाई गवां सकती है इसलिए लोगों को अपने ई-मेल या व्हाट्स एप पर ऐसे लिंक पर क्लिक करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।