हिसार

हर गौपुत्र में अमर रहेगा तू, ऐसा मतवाला मरता है थोड़ी ………

गाय, बंदर, कुत्ते, घोड़े, आदमी की भी जात ना छोड़ी।
किसी की हड्डी, किसी की चमड़ी, किसी की तूने आत्मा जोड़ी।।
हर कोई चाहे एक तो जनूं मैं, तूने लाखों की सेना जोड़ी।
हर गौपुत्र में अमर रहेगा तू, ऐसा मतवाला मरता है थोड़ी।।

संभवतः दुनिया में पहला व्यक्ति जिसने अपने आपको गाय का बेटा (गौपुत्र) घोषित किया और ना केवल घोषित किया बल्कि अपना पूरा जीवन गौमाता की सेवा में लगा कर अपने सच्चे सपूत होने का हर फर्ज़ भी निभाया। यह गौपुत्र सम्पत सिंह की सेवा का ओज़ और सच्ची आत्मा की ताकत ही है कि उन्होंने बहुत ही थोड़े समय में लाखों गौपुत्रों की सेना खड़ी कर दी। कल से जिसको भी उसके शारीरिक रूप से हमारे बीच से चले जाने का समाचार मिला है वह कह रहा है के गौपुत्र सेना को अनाथ करके चले गए, लेकिन हमें सोचना चाहिए कि जैसे पहले संपत भाई केंद्रीय कार्यालय में बैठ कर पूरे देश में प्राणी मात्र की सेवा और रक्षा के कार्य को चला रहे थे वैसे ही वो अब परमात्मा के पास बैठ कर इसको चलाएंगे। अगर उनकी शारीरिक विदाई के लिए हम कोई श्रद्धांजलि उन्हें देना चाहते हैं तो आओ सकंल्प लें के हर एक गौपुत्र उनकी रस्म पगड़ी से पहले कम से कम एक गौपुत्र और तैयार करें जो हर प्राणी की सेवा और सुरक्षा के लिए तत्पर हो।

भाई संपत सिंह का शारीरिक रूप से चले जाने लाखों लोगों की तरह ही मेरे लिए भी निजी आघात तो है ही इसके साथ-साथ जो सपने मैंने और संपत ने साथ-साथ देखे थे उनमें एक अल्प विराम भी है। ये मेरा सौभाग्य ही है कि मैं उन चुनिंदा दो-चार लोगों में से हूं जो उनके सबसे करीब रहे। संपत भाई ने हमेशा मुझे बड़े भाई और मेन्टर का सम्मान और जिम्मेवारी दी। हर सुख-दुख में हम एक-दूसरे के साथ खड़े रहे। निजी ही नहीं पारिवारिक तौर पर भी हमारा रिश्ता अलग स्तर पर था। एक ओर जहां मेरे पिता स्व. श्री किशन कौशिक व मेरी माँ ने सामाजिक तौर पर संपत सिंह को अपना तीसरा पुत्र घोषित कर रखा था वहीं संपत भाई के माता-पिता ने भी आत्मिक तौर पर मुझे अपना बेटा मान रखा है। इसलिए संपत का बड़ा भाई होने के नाते उसके जाने से मेरी बाजू कटने जैसा है। लेकिन उसके ख्वाब, उसकी सोच और उसकी बताई बातें मुझे हर घड़ी संबल देगा।
संपत भाई मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जीवन के अंतिम सांस तक बड़े भाई होने का हर फर्ज़ निभाने के लिए मजबूती से खड़ा रहूंगा। तेरे सपने, आदर्शों और लक्ष्य प्राप्ति की सोच को कभी मंद नहीं पड़ने दूंगा। मेरी हर गौपुत्र और उनकी सोच से इत्तेफाक रखने वाले हर व्यक्ति से भी यही अपील है कि वो भी उपरोक्त शपथ ले। इसके साथ-साथ गौपुत्र संपत सिंह की रस्म पगड़ी से पहले कम से कम एक गौपुत्र और तैयार करें। धन्यवाद।

-ज्योति प्रकाश कौशिक,
गौपुत्र संपत सिंह का भाई और गौपुत्र सेना का मीडिया प्रभारी
संपर्क: 9813090155

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