किसानों को डीजे, थाली, ढोल एवं खाली पीपे इत्यादि बजाकर टिड्डी दल को बैठने से रोकने की सलाह
हिसार,
पड़ौसी राज्य राजस्थान के कई क्षेत्रों में आए टिड्डी दल के खतरे को देखते हुए हिसार का कृषि विभाग भी सक्रिय हो गया है। विभाग ने टिड्डी दल के संभावित खतरे को देखते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी तय कर दी है। इसके लिए ड़ा अरूण कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। साथ ही जिला के किसानों से कहा गया है कि कहीं भी टिड्डी दल दिखाई पड़े या इससे संबंधित कोई जानकारी नोडल अधिकारी ड़ा अरूण सिंह के मोबाइल नंबर 9215809009 पर ली या दी जा सकती है।
कृषि अधिकारियों का कहना है कि टिड्डी झुंड के रूप में चलता है तथा मादा टिड्डी नरम मिट्टी में छेद करके 5 से 15 सेंटीमीटर गहरी उचित नमी में 60 से 80 अंडे देती है। अंडे चावल के दाने के समान 7 से 9 मी.मी. लंबे तथा पीले रंग के होते हैं। अंडों से शिशु निकलते हैं उन्हें होपर या फुदका कहा जाता है जो कि सबसे ज्यादा नुकसान करता है। इनका रंग पीला, गुलाबी एवं काली धारियों युक्त होता है। उन्होंने बताया कि टिड्डी के उडऩे की क्षमता 13 से 15 किलोमीटर प्रति घंटा होती है तथा इसका झुंड 200 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। टिड्डी दल रात को झाडिय़ों एवं पेड़ों पर विश्राम करती है तथा सुबह उडऩा प्रारंभ करती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि टिड्डी दल दिखाई देने पर डीजे, थाली, ढोल एवं खाली पीपे इत्यादि बजाकर जितना संभव हो सके बैठने से रोकें तथा सरकार द्वारा सिफारिश की गई दवाई का छिडक़ाव करें और तुरंत इसकी जानकारी नोडल अधिकारी को दें। इसके साथ-साथ इसकी सूचना विभाग द्वारा बनाए गए हैल्प डेस्क नंबर 01662-225713 पर भी दे सकते हैं।