हिसार,
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों एवं कर्मचारी संगठनों के संयुक्त आह्वान पर सर्व कर्मचारी संघ से संबंधित पशुपालन विभाग चतुर्थ श्रेणाी कर्मचारी यूनियन ने शुक्रवार को गेट मीटिंग का आयोजन कर सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया। गेट मीटिंग की अध्यक्षता रणबीर रावत ने की। इस दौरान कर्मचारियों ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया।
प्रदर्शन में शामिल हुए कर्मचारियों को संबोधित करते हुए यूनियन के राज्य महासचिव छबीलदास मौलिया, जिला प्रधान बलबीर सिंह बागड़ी व जिला कोषाध्यक्ष बन्नी सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार आए दिन गरीब जनता, किसानों, मजदूरों व कर्मचारियों को राहत देने की बात कर रही है, लेकिन हालात इसके विपरित हैं। इसी का उदाहरण है कि आर्थिक रूप से कमजोर माने जाने वाले ग्रुप डी के कर्मचरियां को गेहूं खरीदने के लिए बिना ब्याज के ऋण अभी तक नहीं दिया गया है, जबकि अभी तक आमतौर पर 28 अप्रैल को यह ऋण ग्रुप डी कर्मचारियों को उपलब्ध करवा दिया जाता था।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि ग्रुप डी कर्मचारियों को गेहूं खरीदने के लिए बिना ब्याज के ऋण उपलब्ध करवाने के लिए कई बार लिखित व मौखिक रूप से सरकार से अनुरोध किया जा चुका है, लेकिन सरकार इसको लेकर चुप्पी साधे हुए है। जो कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। उन्होंने कहा कि यूनियन की मांग है कि सरकार गु्रप डी कर्मचारियों को गेहूं खरीद के लिए बिना ब्याज के 25 हजार रुपए का ऋण तुंरत देने की घोषणा करे।
कर्मचारी नताओं ने कहा कि संगठन की मांग है कि केंद्र व राज्य सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के सरकारी विभागों का निजीकरण तुरंत बंद कारे, श्रम कानूनों में पूंजीपतियों के पक्ष में किए गए बदलाव को वापस लिया जाए तथा कर्मचारियों व पेंशनर्स के डीए व एलटीसी पर लगाई गई रोक को वापस लिया जाए।