सिरसा

पहल : शिक्षित बंदी अब अनपढ़ बंदियों को देंगे अक्षर ज्ञान

सिरसा,
बंदियों के उत्थान व उन्हे समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के उद्देश्य व मानवतावादी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए बिजली, अक्षय उर्जा व जेल मंत्री रणजीत सिंह के निर्देशानुसार अब सिरसा जेल में ‘अच्छे बनो और बाहर जाओÓ योजना की शुरूआत होगी। इसके अंतर्गत शीघ्र ही शिक्षा व संस्कार केंद्र की जेल में स्थापना होगी। इस योजना के प्रथम चरण में जेल में बंद अनपढ बंदियों को साक्षर बनाया जाएगा।
नवनियुक्त जेल अधीक्षक शेर सिंह ने बताया कि सिरसा जेल में आने वाले बंदी अधिकतर ग्रामीण पृष्ठभूमि से होने के कारण अनपढ या कम पढे-लिखे या संस्कारों के अभाव के कारण नशे की अंधेरी दुनिया में लिप्त हो जाते है। इस सामाजिक बुराई को दूर करने के लिए शिक्षा व अच्छे संस्कारों का होना अति-आवश्यक है। सिरसा जेल में पढ़े लिखे बंदी अशिक्षित 200 बंदियों को अक्षर ज्ञान देंगे।
जेल अधीक्षक ने बताया कि सिरसा जेल में बंदियों को नशा व अपराध की दुनिया से दूर करने लिए बंदियों को शिक्षा के साथ-साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी भविष्य में प्रयास किए जाएंगे। जिसके तहत सब्जी उत्पादन, मधुमक्खी पालन, साबुन निर्माण, सिलाई प्रशिक्षण व महिला बंदियों के लिए ब्यूटी पार्लर के तकनीकी प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा, जिससे उनमें सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन आएगा और आत्मनिर्भर बनने व अपराध से दूर रहने में सहायक सिद्ध होगें। जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में मूलभूत सुविधाओं को अधिक बेहतर करने के अलावा उपायुक्त रमेश चंद्र बिढ़ान, डीआईजी डा.ï अरूण सिंह व सिविल सर्जन के माध्यम से जेेल मे नशा मुक्ति केन्द्र स्थापित करने के प्रयास किया जाएगा।
जेल अधीक्षक शेर सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को एकजुटता व संयम से ही जीता जा सकता है। मास्क व सोशल डिस्टेंस की पालना अतिमहत्वपूर्ण है। सिरसा जेल में बंदियों ने कपड़े के मास्क व कोरोना से जागरूक करने बारे पेंटिंग व होर्डिंग बनाकर, समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk