फतेहाबाद,
उपायुक्त डॉ नरहरि सिंह बांगड़ ने मंगलवार को कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे टिड्डी दल से किसानों की फसल को बचाने के लिए सभी पुख्ता प्रबंध करें। उन्होंने बताया कि टिड्डी का प्रकोप एक प्राकृतिक आपदा है, जिसकी पड़ोसी राज्य राजस्थान में आक्रमण की खबरें प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि गंगानगर की सीमा तक व सुरतगढ़ में टिड्डी दल किसानों की फसल पर आक्रमण कर रहा है। इसलिए समय रहते सभी व्यापक प्रबंध किए जाए। उपायुक्त ने जिले के किसानों से आग्रह किया है कि वे अपने फसलों को सुरक्षित रखने के लिए अपडेट एवं जागरूक रहे। कृषि विभाग व जिला प्रशासन के साथ तालमेल बनाए रखें।
उपायुक्त डॉ बांगड़ ने बताया कि जिला में टिड्डी नियन्त्रण हेतु व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं। सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ अनिल वीर सिंह को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनका दूरभाष नंबर 87083-25893 है तथा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, फतेहाबाद में नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका दूरभाष नंबर 01667-231122 है। उन्होंने बताया कि जिला के सभी खण्डों में निगरानी कमेटी का गठन किया गया जिसमें दो अधिकारी शामिल है। इनका मुख्य कार्य अपने खण्ड में टिड्डी नियन्त्रण अभियान की निगरानी करना है तथा टिड्डी के आक्रमण बारे सूचना का आदान-प्रदान करना है। खण्ड फतेहाबाद में विषय विशेषज्ञ सुभाष चन्द्र (दूरभाष नंबर 94667-28519) व खण्ड कृषि अधिकारी अनूप सिंह (दूरभाष नंबर 94163-63787), खण्ड भूना में सहायक गन्ना विकास अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद (दूरभाष नंबर 94667-44007), भूना व खण्ड कृषि अधिकारी, भूना रामफल नैन (दूरभाष नंबर 93552-90700), खण्ड रतिया में विषय विशेषज्ञ रामेश्वर दास (दूरभाष नंबर 94660-16452) व खण्ड कृषि अधिकारी सुभाष हुड्डा, रतिया (दूरभाष नंबर 98965-68320), खण्ड भट्टुकलां में उप मण्डल कृषि अधिकारी भीम सिंह, फतेहाबाद (दूरभाष नंबर 92152-25694) व खण्ड कृषि अधिकारी सतीश ज्याणी, भट्टूकलां (दूरभाष नंबर 94166-44922), खण्ड जाखल में विषय विशेषज्ञ संजय सेलवाल (दूरभाष नंबर 94161-66218) व विषय विशेषज्ञ अजय ढिल्लो, (दूरभाष नंबर 98962-06599) व खण्ड टोहाना में उप मण्डल कृषि अधिकारी मुकेश महला, टोहाना (दूरभाष नंबर 92557-57697) इंचार्ज होंगे व टिड्डी आक्रमण बारे सूचना इन नंबरों पर दी जा सकती है।
इस मौके पर कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ राजेश सिहाग ने बताया कि खेतों में टिड्डी दल दिखाई देने पर डीजे, थाली, ढ़ोल, नगाड़े, खाली पीपों की तेज अवाज करके टिड्डी दल को बैठने से रोका जा सकता है, क्योंकि टिड्डी दल बैठने पर ही नुकसान करता है व तेज आवाज में टिड्डियां नही बैठती है। उन्होंने बताया कि टिड्डी आक्रमण की अवस्था में जिला कीटनाशक की उपलब्धता बारे भी इंतजाम किए जा रहे हैं जिस हेतु हैफेड को 5 हजार लीटर, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास निगम को 3 हजार लीटर व हरियाणा बीज विकास निगम को 2 हजार लीटर क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी के भण्डारण करने बारे आदेश दे दिए गए हैं। यह कीटनाशक टिड्डी आक्रमण के समय किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाया जाएगा । उन्होंने बताया कि जिला में उपलब्ध ट्रैक्टर चलित स्प्रे पम्प व अन्य स्प्रेयर बारे जानकारी एकत्रित की जा रही है ताकि समय पर इनका इस्तेमाल किया जा सके। टिड्डी नियन्त्रण के लिए किसान इनमें से किसी एक कीटनाशक, क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी, 2.5 मि.लि., क्लोरपायरीफॉस 50 ईसी, 1.0 मि.लि., डेल्टामेथ्रीन 2.8 ईसी, 1.0 मि.लि. व लेम्बडासाईहेलोथ्रीन 5 ईसी, 1.0 मि.लि. दवाई को एक लीटर पानी में मिलाकर टिड्डी प्रभावित क्षेत्र पर छिडक़ाव करके टिड्डी का नियन्त्रण कर सकते हैं । कीटनाशक का छिडक़ाव टिड्डी दल के ठहराव के समय करना ही उचित होता है ।