हिसार,
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सैल के सौजन्य से ऑनलाइन गेट इंटरेक्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में गेट 2020 की परीक्षा के उत्तीर्ण विद्यार्थियों ने गेट 2021 में बैठने के इच्छुक कनिष्ठ विद्यार्थियों से अपने अनुभव सांझा किए। टीईक्यूआईपी-3 के समन्वयक प्रो. अम्बरीष पाण्डे इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्लेसमेंट निदेशक प्रताप सिंह ने की।
प्लेसमेंट निदेशक प्रताप सिंह ने विश्वविद्यालय के 20 विद्यार्थियों ने गेट 2020 की परीक्षा उत्तीर्ण की है। उन्होंने इन सभी नामों की घोषणा की और इस उपलब्धि के लिए सभी विद्यार्थियों की सराहना की। इस कार्यक्रम में लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया।
प्रो. अम्बरीष पाण्डे ने कहा कि टीईक्यूआईपी गेट परीक्षा के विद्यार्थियों का सहयोग करने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। बीटेक एमई के विद्यार्थी विशाल पोखराल ने परीक्षा पैटर्न, अवधि, मोड और गेट परीक्षा की तैयारी के बारे में बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी को समय का सर्वोत्तम उपयोग करते हुए अच्छी तरह से तैयार किए गए विषयों के पूछे गए अधिक अंकों वाले प्रश्न पहले हल करने चाहिए। बीटेक सीएसई की रेणु शर्मा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अंत तक आत्मविश्वास रखें तथा अपनी दिनचर्या का आग्रहपूर्वक पालन करें। बीटेक सीएसई के अमनजीत ने गेट के दायरे बारे में एक संक्षिप्त विवरण दिया तथा विद्यार्थियों से सबसे पहले एक अच्छा कारण खोजने को कहा कि क्यों वे गेट परीक्षा में सफल होना चाहते हैं। बीटेक सीएसई के सुमित केशरी ने कहा कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन नियमित रूप से अंग्रेजी और एप्टीट्यूड के लिए समय देना चाहिए। बीटेक सीएसई के रोशन ने बताया कि हमारा ध्यान रैंक के बजाय सीखने पर होना चाहिए। उन्होंने मूल बातें स्पष्ट करने, स्वयं के नोट्स बनाने, टेस्ट सीरीज़ लेने और पिछले वर्ष के प्रश्नों को हल करने की सलाह दी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तैयारी की दिशा सही है। उन्होंने समानांतर सीखने और अच्छे सहयोगी माहौल के फायदों पर भी जोर दिया। बीटेक सीएसई के नीरज शर्मा ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे वेटेज और फ्रिक्वेंसी के अनुसार विषयों को समझदारी से कवर करें और रिविजन के लिए छोटे नोट्स तैयार करें। उन्होंने कहा कि गेट परीक्षा में सफल होने की रिविजन एक कुंजी है। बीटेक एमई के मनीष चहल ने कार्यक्रम का संचालन किया। सहायक निदेशक आदित्य वीर सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।