हिसार

पापा ने मोबाइल दिया पढ़ने के लिए.. बच्चों का ध्यान गेम्स व टिकटॉक में

प्रतिदिन 10 छात्रों के घर जाकर शिक्षक जांच रहे है होमवर्क

आदमपुर (अग्रवाल)
शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई ई-लर्निंग को लेकर शिक्षक व अधिकारी अब डोर-टू्-डोर जाकर विद्यार्थियों से फीडबैक ले रहे है। साथ ही विद्यार्थियों का होमवर्क जांचा जा रहा है कि छात्र घर पर रहकर कितनी पढ़ाई कर रहे हैं। आदमपुर खंड के गावों में पिछले 2 माह से व्हाटस एप व टी.वी. चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाई करवाई जा रही है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने कार्यक्षेत्र में शिक्षकों को निर्देश दें कि 1 शिक्षक रोजाना 10 छात्रों के घर जाए और व्यक्तिगत तौर पर जानें कि क्या छात्र को ऑनलाइन शिक्षा ठीक से मिल रही है। शिक्षक द्वारा जिस तरह से पढ़ाया जा रहा है क्या वह उन्हें समझ पा रहा है और किन विषयों को समझने में समस्या आ रही है।

इस प्रॉजैक्ट में शिक्षक विद्यार्थियों के घर जाकर यह जान रहे है कि उन्हें ऑनलाइन शिक्षा का लाभ मिल रहा है या नहीं। शिक्षक द्वारा व्हाटस एप गु्रप बनाकर रोजाना गृहकार्य दिया जा रहा है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के उप महासचिव मा. प्रभु सिंह ने बताया कि वर्तमान में बढ़ती महामारी के प्रकोप को देखते हुए फीडबैक लेना बच्चों, अध्यापक व अभिभावकों के हित में नही है। सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले 1 तिहाई विद्यार्थियों या अभिभावकों के पास एंड्रयोड फोन नही है जिससे गृह कार्य करने में भारी परेशानी हो रही है। यह कार्य अल्पकाल के लिए सही था लंबे समय तक इस तरह की शिक्षा नही चलाई जा सकती और बच्चों ने भी रूचि लेनी कम कर दी है। लॉकडाऊन खुलने के बाद अभिभावक भी काम के चलते घर से बाहर चले जाते है। अभिभावक शिकायत दे रहे है कि बच्चा फोन में पढऩे की बजाए गेम्स और टिकटॉक पर ज्यादा ध्यान दे रहे है जो अभिभावकों के लिए परेशानी का कारण बन गया है।

यह जिम्मेदारी भी शिक्षकों की होगी
अध्यापक छात्रों के अभिभावकों को टीवी व स्मार्टफोन पर चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं के बारे में भी जागरूक कर रहे है। ग्राम पंचायत के सदस्यों, पार्षद व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर घर से पढ़ाओ अभियान को बेहतर बनाने को लेकर विमर्श किया जाए। कोरोना वायरस से बचाव के निर्देशों को अपनाते हुए अभिभावक शिक्षक सम्मेलन आयोजित किया जाएगा और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों के साथ मिलकर ऑनलाइन शिक्षा को लेकर आने वाली समस्याओं का निपटारा किया जाएगा। स्कूल मुखिया व प्राचार्य को रोजाना की फीडबैक रिपोर्ट तैयार कर देनी होगी।

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