आदमपुर (अग्रवाल)
आदमपुर में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी बगैर छुट्टी और साप्ताहिक अवकाश लिए ही लॉकडाऊन की शुरूआत से ही अपनी ड्यूटी कर रहे है। इसी बीच आदमपुर में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद विभाग के इन कर्मियों की जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ गई है। विभाग के ये कर्मचारी हर रोज खतरा मोल लेते हुए भीषण गर्मी में ड्यूटी कर रहे है ताकि लोग सुरक्षित रहे। आदमपुर के नागरिक अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. मुकेश कुमार के नेतृत्व में डा. हरजीत पाल, डा. रामनिवास, ए.एन.एम. शर्मिला व नवीता और आशा वर्कर्स मार्च माह से ही मोर्चा संभाले हुए है। पहले इस मोबाइल टीम ने करीब 6-7,000 लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की। अब आदमपुर की हनुमान कालोनी में 3, जवाहर नगर में 2 व शिव कालोनी में 1 कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद घर-घर स्क्रीनिंग व काऊंसलिंग कर रहे है।
कर्मियों ने बताया कि गर्मी शुरू होने के साथ ही उनकी ड्यूटी बॉर्डर पर तैनात बी.एस.एफ. जवान जैसी हो गई है। ड्यूटी में सबसे मुश्किल काम है वायरस से खुद की सुरक्षा के लिए पी.पी.ई. किट पहनना। पी.पी.ई. किट यानी सघन फाइबर से बनी सिर से पांव तक शरीर को कवर करने वाली ड्रैस है। वायरस इसमें से पार न हो पाए, इसके लिए इसे इतना सघन बनाया जाता है कि पानी भी आरपार नहीं जा सकता। इसे पहनकर घर-घर स्क्रीनिंग के लिए जाना पड़ता है। हवा क्रॉस न होने से पी.पी.ई. किट पहनने के बाद पूरा शरीर पसीने से लथपथ हो जाता है। स्थिति यह हो जाती है शरीर पसीने और गर्मी से चिपचिपाहट होने के अलावा खुजली होती है। हाथों पर प्लास्टिक के दोहरे ग्लब्ज होने की वजह से खुजलाना भी संभव नहीं हो पाता।
किट पहनने के दौरान खाना तो बिल्कुल असंभव है। जो भी खाना-पीना है, किट पहनने से पहले ही खा-पी सकते है। किट उतारने के बाद पानी की बोतल को सैनिटाइज करने के बाद वह पानी पीते हैं। गर्मी के दौरान पी.पी.ई. किट में यह परेशानी झेलते हैं, लेकिन जब ये कर्तव्य बोध होता है कि लोगों की जिंदगी बचाने की जिम्मेदारी हमारे ही ऊपर है तो 8 घंटे की पारी कैसे गुजर गई पता ही नहीं लगता। बस हम तो लोगों से ये ही चाहते हैं कि खतरा मोल लेने के लिए हम हैं, आप दूर ही रहें। कोरोना को हराने के लिए घर से बाहर नहीं निकले और लॉकडाऊन की पालना कर हमारी मदद करें।
कर्मियों ने बनाई परिवार से दूरी
कोरोना महामारी में ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों ने इन दिनों सभी अपने परिवार से दूरी बनाकर रह रहे हैं। ड्यूटी के बाद घर में अलग कमरे में रह रहे हैं ताकि परिवार के सदस्य संक्रमण से सुरक्षित रहें। वैसे तो ऑन काल 24 घंटे ड्यूटी रहती है लेकिन 8 घंटे की अवधि पूरी होने के बाद घर आने से पहले खुद को अच्छे से सैनिटाइज करते है फिर कपड़े, बर्तन सब अलग रखते है। परिवार के सदस्यों से वीडियो काल से रूबरू होते हैं।