फतेहाबाद

जिला स्तरीय कमेटी ने की अनलॉक 1 में जिला में विद्यालयों को खोलने पर चर्चा

डाईट मताना में जिला स्तरीय कमेटी की बैठक आयोजित

फतेहाबाद,
अनलॉक 1 के दौरान जिला में विद्यालयों को खोलने के संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया। शनिवार को डाईट मताना में शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार डाईट मताना की प्राचार्या एवं कमेटी की सदस्य सचिव संगीता बिश्नोई की ओर से बैठक का आयोजन किया गया।
डाइट प्राचार्या ने एनएबीईटी (नैशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर एजुकेशन एंड ट्रैनिंग) द्वारा जारी मार्गदर्शिका पीपीटी के माध्यम से आए हुए सदस्यों को स्कूल खोलने से पहले व स्कूल समय के दौरान किन किन निर्देशों का पालन करना होगा, इसके बारे में विस्तार से बताया। विभिन्न सदस्यों ने स्कूल खोलने के बारे में अपने-अपने विचार प्रस्तुत किए। प्राथमिक शिक्षा संघ के प्रतिनिधि ने प्राथमिक विद्यालयों सफाई कर्मचारियों, मास्क, ग्लव्स व अन्य संसाधनों की कमी पर चिंता जताई। उन्होंने कहा की प्राथमिक स्कूल 15 अगस्त के बाद एमएचआरडी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के सलाह अनुसार खोले जाये। हरियाणा मास्टर वर्ग एसोसिएशन के सुझाव अनुसार जुलाई में सिर्फ 12वीं के विद्यार्थियों को बुलाया जाएं। कक्षा एक से आठ के स्कूल सितंबर से पहले किसी सूरत में न खोले जाएं। हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन ने सुझाव दिया स्कूल खोलने के सिर्फ सप्ताह पहले इस बारे में चर्चा हो और मौजूदा परिस्थितियों अनुसार फैसला लिया जाएं। उससे पहले स्कूलों में जरूरी व्यवस्थाओं का इंतजाम किया जाएं। पहले सिर्फ एक 10+2 कक्षा को लिया जाएं और एक कक्षा कक्ष में 20 से ऊपर विद्यार्थी ना हो। पढ़ाई को बाद में एक्स्ट्रा क्लास लगाकर पूरा कर लिया जाएगा।
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सुझाव दिया की मानसून में तो और भी मौसम जनित बीमारियां फैलती है, जिससे कोरोना भी और बढऩे की संभावना हो सकती है। जब तक कोरोना खत्म ना हो या वैक्सीन ना बने, तब तक स्वास्थ्य विभाग की राय लिए बिना स्कूल न खोले जाएं। हाजरस के प्रतिनिधि ने सुझाव दिया की जिस तरह विभाग साइकिल डेटा है, उसी प्रकार अब सभी विद्यार्थियों को टैब दी जाए, जिससे वो ई-लर्निंग के माध्यम से पढ़ सके या इस साल को जीरो ईयर घोषित कर उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट किया जाए। विभिन्न प्राथमिक व मिडिल स्कूल मुखियाओं ने भी बिना आवश्यक संसाधनों व कोरोना के कम होने तक स्कूल बंद रखने का सुझाव दिया व कहा कि जब तक ई-लर्निंग के माध्यम से विद्यार्थियो को पढ़ाने का सुझाव दिया। प्राइवेट स्कूल प्रतिनिधि ने सुझाव दिया पहले यूनिवर्सिटी, फिर कॉलेज, फिर बड़ी कक्षाओं को फिर आखिर में प्राइमरी स्कूलों को खोला जाए। कम छात्र संख्या होने पर बस सुविधा देनी संभव नहीं होगी और अतिरिक्त स्टाफ व सुविधाओं के खर्च का वहन सरकार करे।
सेशन की अवधि कम होने के कारण सिलेबस को कम किया जाये और उसकी सूचना सभी स्कूलों तक भेजी जाये ताकि बार-बार मेहनत ना करवानी पड़े। अध्यापकों को जुलाई में ही बुलाने की अनुमति मिले। उन्होंने सुझाव दिया कि पहले बोर्ड एग्जाम हो, यदि वो सही तरीके से हो जाये तब धीरे-धीरे आगे बढ़ा जाये, पहले बड़ी कक्षाएं फिर बाद में लोअर कक्षा। यदि किन्ही कारणों से स्कूलों में संक्रमण फैले तो उसकी जिम्मेदारी सरकार की हो। मीडिया से आमंत्रित सदस्यों ने सुझाव दिया की विभिन्न सर्वे से पता चला है कि 90 प्रतिशत अभिभावक अपने बच्चों को स्थिति सामान्य होने तक स्कूल नहीं भेजना चाहते, इसीलिए उनके विचारों को भी तरजीह दी जाये। अभिभावक संघ के प्रतिनिधि ने कहा की किसी भी स्कूल में अभी संसाधन पूरे नहीं है। कोरोना मरीज भी रोजाना बढ़ रहे हैं। विभिन्न जानकारियों से प्राप्त सूचना अनुसार जुलाई, अगस्त में ये पीक पर होंगे, इसीलिए इस वर्ष किसी भी सूरत में स्कूल ना खुले। साल को जीरो ईयर घोषित किया जाये। जिन स्कूलों में होस्टल है, उनके प्रतिनिधियों ने भी अभी स्कूल ना खोलने का सुझाव दिया। चर्चा में भाग लेने वाले विभिन्न विद्यार्थियों ने भी कोरोना खत्म होने या इसकी वैक्सीनेशन होने तक स्कूल बंद रखने के सुझाव दिए व ई-लर्निंग से पढ़ाई जारी रखने के सुझाव दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग ने इस महामारी के दौर में जब तक स्कूल शुरू ना हो, ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ पाठ्यक्रम ही नहीं बल्कि मानसिक व शारीरिक विकास से संबंधित कार्य भी उन्हें दें। हर स्कूल में हर विद्यार्थी तक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाये। मिड डे मील के साथ इम्यून सिस्टम बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ भी उन्हें दिए जाये। उन्होंने कहा की सर्वप्रथम 10 +2 की बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन होगा, जिनके सफल आयोजन से अन्य सभी अभिभावकों का भी उत्साह बढ़ेगा। अंत में सभी प्रतिनिधियों की चर्चा के निकलकर आया कि एलेमेंट्री कक्षाओं को अभी किसी भी सूरत में ना खोला जाये। यदि बोर्ड परीक्षाओं में कोई दिक्कत नहीं आयी तो स्वास्थ्य व डिजास्टर मंत्रालय के निर्देशानुसार कक्षा 9 से 12 का आयोजन प्रथम दिन कक्षा 9वीं सुबह 8 बजे से 11 बजे, कक्षा 10वीं 12 बजे से दोपहर बाद 3 बजे, दूसरे दिन कक्षा 11वीं सुबह 8 बजे से 11 बजे, कक्षा 12वीं 12 बजे से दोपहर बाद 3 बजे के हिसाब से किया जा सकता है।
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र सिंह ने सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई इस बेहतरीन चर्चा के लिए सभी प्रतिनिधियों विशेष तौर पर मीडिया के साथियों का विशेष तौर पर धन्यवाद किया। बैठक में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी देवेंदर सिंह, उप जिला शिक्षा अधिकारी वेद दहिया, सरकारी व निजी विद्यालयों के प्राचार्य, विभिन्न अध्यापक संगठनों से प्रतिनिधि, मीडिया, अभिभावक संघ तथा विद्यार्थियों के प्रत्येक समूह से 5-5 प्रतिनिधियों ने चर्चा में भाग लिया।

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