हसला ने लगाया आरोप, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड नहीं समझ रहा हालात
हिसार,
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ ना करें। बोर्ड को चाहिए कि वह मौजदूूा हालत को समझते हुए विद्यार्थियों के हित में कोई फैसला लें।
हरियाणा स्कूल लेक्चरर एसोसिएशन (हसला) के जिला प्रधान दलबीर पंघाल ने कहा कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड या तो चार पेपरों के आधार पर रिजल्ट घोषित कर दें या फिर सभी विद्यार्थियों का विज्ञान विषय का पेपर ले। कौन क्या पढ़ेगा, इसके आधार पर दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जारी करना समझ से परे है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को हालात को समझना चाहिए, क्योंकि इस समय बहुत से बच्चे बाहर गए हुए हैं। हरियाणा में रह कर दसवीं कक्षा की परीक्षा देकर जा चुके प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए यह न तो तो समान अवसर है और न ही मौका है। उन्होंने कहा कि दसवीं कक्षा के विज्ञान विषय को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने अपने सुझाव दिए लेकिन बोर्ड ने सभी को दरकिनार कर दिया। इससे साफ है कि बोर्ड समिति यह तय नहीं कर पा रही है कि इस निर्णय से विद्यार्थियों का कितना नुकसान होगा।
जिला प्रधान दलबीर पंघाल ने कहा कि हरियाणा शिक्षा विभाग के ई-लर्निंग का अभियान के भी दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक 6 से 7 घंटे फोन का प्रयोग कर गृह कार्य दे रहे हैं, लेकिन ई-लर्निंग के कारण विद्यार्थियों को सभी विषय का काम करने के लिए 8 से 10 घंटे फोन का प्रयोग करना पड़ रहा है। इसके चलते उनकी दृष्टि कमजोर होने सहित कई दूसरी बीमारियों का शिकार विद्यार्थी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई अभिभावकों के माध्यम से यह बात भी सामने आई है कि अध्यापक अपने विषय का गृह कार्य पीडीएफ व वीडियो के माध्यम से भेज रहे हें। बच्चे जब उन लिंकों को क्लिक करते हैं तो कई दूसरे विज्ञापन व साइट्स भी दिखाई देती हैं जो बच्चों के लिए उचित नहीं है। इसके चलते बच्चों की मानसिकता पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा गरीब अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं होने के कारण काफी बच्चे अपनी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा नेटवर्क व डाटा स्पीड की समस्या से भी ऑनलाईन पढ़ाई प्रभावित हो रही है।