हिसार

ये कैसा डाक्टर…वेतन पूरा—लेकिन ड्यूटी में केवल खानापूर्ति, कोविड सेंटर के बाहर ही हाजरी लगाकर लौट गया डाक्टर

हिसार,
हिसार में एक ऐसा डाक्टर की आडियो वायरल हुई है जिसकी ड्यूटी जाट धर्मशाला में बने कोविड सेंटर में सुबह 8 बजे से 2 बजे लगी थी, लेकिन डाक्टर ना तो सेंटर में आए और ना ही मरीजों का चेकअप किया..उन्होंने हाजरी रजिस्टर सेंटर से बाहर मंगवाया और साइन करके चलते बने।
मामला शनिवार को सामने आया। दरअसल, जिला प्रशासन के मरीजों की संख्या को देखते हुए जाट धर्मशाला में कोविड सेंटर बनाया हुआ है। यहां पर 11 मरीजों का फिलहाल उपचार चल रहा है। मरीजों की देखभाल के लिए स्टाफ नर्स, सेवादार के साथ—साथ डाक्टरों की भी रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगी हुई है। शनिवार को आम आदमी पार्टी से जुड़े एक कार्यकर्ता ने कोविड इंजार्ज डा. रमेश पूनिया को फोन करके जानकारी दी कि जाट धर्मशाला में बने कोविड सेंटर का पिछला दरवाजा खुला है और यहां आमजन काफी असानी से आ—जा रहे है।

शिकायत मिलने पर डा. रमेश पूनिया करीब 1 बजे सेंटर पहुंचे तो वहां से डाक्टर ही ड्यूटी से नदारद मिला। पूछने पर पता चला कि डाक्टर सुबह सेंटर के बाहर कार से आए थे और उन्होंने कार में ही हाजरी रजिस्टर मंगवाकर हस्ताक्षर किए और चलते बने। इस पर डा. रमेश पूनिया ने आरोपी डा. नीतिन कुमार से फोन पर बात की।

डा. नीतिन कुमार ने कहा कि उन्होंने स्टाफ से पूछा था कि किसी मरीज को परेशानी तो नहीं। जब किसी मरीज को परेशानी नहीं थी तो वे साइन करके बाहर से चले गए। उन्होंने कहा कि न्यूज पेपर में रोजाना आ रहा है कि डाक्टर कोरोना मरीजों की देखभाल करते हुए संक्रमित हो रहे हैं—ऐसे में वे बाहर से ही मरीजों की जानकारी लेकर लौट गए।

डा. रमेश पूनिया से डा. नीतिन कुमार से कहा कि जब सरकार पूरा वेतन दे रही है तो ड्यूटी अधूरी क्यों? डा. पूनिया ने कहा कि यह सेवा मानव और मानवता की सेवा का है। हिसार में आज तक कोई डाक्टर कोरोना से पीड़ित नहीं हुआ। ऐसे में आपको पूरी ईमानदारी से ड्यूटी करनी चाहिए। अपने पेशे से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। इस पर डा. नीतिन कुमार खामोश रहते हैं।

रिकॉर्डिंग में डा. पूनिया कहते सुनाई पड़ रहे है कि आप पहले वार्ड ड्यूटी में भी लापरवाही बरत रहे थे। आपको नोटिस भी दिया गया था। लेकिन अब फिर लापरवाही कर रहे हो—ये ठीक नहीं है। डा.नीतिन कुमार इस पर चुप रहते हैं। कुल मिलाकर मिडिया में चल रही इस रिकॉर्डिंग से साफ है कि कुछ डाक्टरों में कोरोना का भय अंदर तक बैठ गया है उन्हें काउंसलिंग का आवश्यकता है। वहीं जिस प्रकार डाक्टर हाजरी भर कर ड्यूटी से नदारद होता है इससे लगता है कि डाक्टर महज वेतन लेने के लिए ड्यूटी के नाम पर खानापूर्ति कर रहा है। अब डा.नीतिन कुमार कोरोना से भयभीत है या लापरवाह इसका पता तो जांच के बाद ही पता चलेगा।

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