सेक्टर 33 वासियों ने बिजली विभाग के एसई को दिया 17 जून तक का अल्टीमेटम
हिसार,
बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण सेक्टर 33 के निवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यह बात आज सेक्टर 33 रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राजपाल नैन ने एक बयान जारी कर कही। बयान में उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली विभाग के कुछ अधिकारी अपने आप को भगवान से भी ऊंचे दर्जे का मानने लगे हैं। शायद यही कारण है कि उनके लिए विभागीय मंत्री के आदेश और इंसानियत कोई मायने नहीं रखती है। उन्होंने बताया कि सेक्टरवासी पिछले करीब एक माह से बिजली की बेहद कम वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कारण भीषण गर्मी के इस मौसम में सेक्टरवासियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग पूरी रात केवल पंखें के सहारे गुजारने को मजबूर हैं। कम वोल्टेज के कारण घरों में लगे कूलर व एसी मात्र शो पीस बन कर रह गए हैं।
एसोसिएशन प्रधान राजपाल नैन ने बताया कि सेक्टर की समस्याओं को लेकर जब सेक्टरवासी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और बिजली विभाग के अधिकारियों से मिलते तो दोनों विभागों के अधिकारियों ने एक दूसरे के विभाग पर जिम्मेदारी डालकर अपना पल्ला झाडऩे का काम किया। दोनों विभागों के पाटों में सेक्टरवासी पीस रहे हैं और सेक्टर की समस्याएं जस की तस खड़ी हैं। उन्होंने बताया कि बिजली की समस्या को लेकर एसोसिएशन प्रतिनिधिमंडल गत दिवस बिजली विभाग के कार्यकारी अभियंता सतीश से उनके कार्यालय में मिला था। कार्यकारी अभियंता ने कहा कि सेक्टर की समस्या का समाधान एसई स्तर के अधिकारी ही कर सकते हैं। इसके बाद एसोसिएशन ने विभाग के एसई से मिलने का प्रयास किया तो उक्त अधिकारी ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए अजीब सा व्यवहार करतेक हुए फोन पर ही समस्या का समाधान करने की बात कही। बाद में उन्होंने एसोसिएशन के एक पदाधिकारी से मिलने की हामी भरी और अपने ऑफिस में बातचीत की।
प्रधान राजपाल नैन ने बताया कि बातचीत में एसई ने कहा कि यदि एचएसवीपी बिजली विभाग को सेक्टर में ट्रांसफार्मर रखने के लिए डिमांड लेटर भेज देगा तो हम तुरंत सेक्टर में तीन-चार ट्रांसफार्मर रख देंगे, जिससे आपकी बिजली की समस्या का समाधान हो जाएगा। प्रधान ने बताया कि एसोसिएशन पदाधिकारियों ने भागदौड़ कर एचएसवीपी अधिकारियों से लेटर लिखवा लिया जैसा बिजली विभाग के अधिकारी चाहते थे और गत दिवस ही दोपहर को ही लेटर बिजली विभाग को भिजवा दिया। उन्होंने बताया कि बातचीत में एसई ने स्वयं स्वीकार किया कि विीााग के पास काफी संख्या में ट्रांसफार्मर रखे हुए हैं जो आपातकालीन स्थिति में प्रयोग किए जाते हैं। इसके बावजूद सेक्टर में बिजली की खराब स्थिति के बावजूद और डिमांड लेटर देने के बाद भी बिजली विभाग के उच्चाधिकारी ट्रांसफार्मर लगने में देरी होने की बात कह र हे हैं। इससे साफ है कि इन अधिकारियों को आम जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है।
प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि एक ओर तो प्रदेश के बिजली मंत्री बयान दे रहे हैं कि प्रदेश में बिजली सरप्लस है और प्रदेश की जनता को बिजली की समस्या से नहीं जुझना पड़ेगा, वहीं दूसरी ओर उनके विभाग के ही अधिकारी जनता की बिजली को लेकर समस्या बढ़ाने का काम कर रहे हैं। उनके लिए बिजली मंत्री की बात के कोई मायने नहीं हैं।
एसोसिएशन प्रधान राजपाल नैन ने कहा कि इस बात से भी इंकार नही किया जा सकता कि कुछ कार्यों में समय लगना स्वभाविक है और वो कुछ देर से भी हो जाएं तो कोई बात नहीं परंतु बिजली ओर पानी ऐसी मूलभूत जरूरतें हैं जिसके लिए देरी सहन नहीं की जा सकती। वो भी तब जब विभाग के पास संसाधन उपलब्ध हो तो और भी गम्भीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने बताया कि हालात को देखते हुए एसोसिएशन ने निर्णय लिया है कि यदि 17 जून तक सेक्टर में बिजली की व्यवस्था को सुचारू नहीं किया गया तो 17 जून की रात को सेक्टरवासी अपने परिवार के साथ विभाग के एसई की कोठी के सामने रात गुजारने को मजबूर होंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेवारी बिजली विभाग के अधिकारियों की होगी।