पंजाब सिरसा

CBI ने दी क्लीन चिट, SIT ने खोला राज, डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों पर गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरुप चोरी करने का आरोप

सिरसा,
बरगाड़ी बेअदबी कांड से जुड़ी तीन घटनाओं की जांच कर रही डीआईजी रणबीर सिंह खटड़ा की अगुवाई वाली एसआईटी ने एक दिन पहले ही डेरा सच्चा सौदा सिरसा से जुड़े 7 अनुयायियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस रिमांड पर चल रहे आरोपियों की पूछताछ के आधार पर एसआईटी की टीम इन्हें कोटकपूरा स्थित डेरे के नामचर्चा घर लेकर पहुंची और सर्च अभियान चलाया।

इससे पहले इन सभी को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला भी ले जाया गया जहां के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी किए गए थे। उसके बाद गांव सिखांवाला में एक आरोपी के घर भी निशानदेही की गई जहां पर चोरी करने के बाद पावन स्वरूप को छिपा कर रखा गया था। जानकारी के अनुसार एसआईटी की पड़ताल में सामने आया है कि डेरा सिरसा के जुड़े इन अनुयायियों ने 1 जून 2015 को गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से पावन स्वरूप चोरी किया था जिसे सबसे पहले कोटकपूरा के नामचर्चा घर लाया गया और वहां से स्वरूप को गांव सिखांवाला में एक अनुयायी के घर छिपाकर रख दिया गया।

कई दिनों की चुप्पी के बाद आरोपियों की तरफ से 12 अक्तूबर 2015 को गांव बरगाड़ी में पावन स्वरूप की बेअदबी की गई। हालांकि इस घटनाक्रम का एसआईटी ने 2018 के दौरान ही पर्दाफाश कर दिया था लेकिन उस समय इन मामलों की जांच सीबीआई के पास थी और सीबीआई ने एसआईटी की जांच को सिरे से खारिज करते हुए डेरा अनुयायियों को क्लीन चिट दे दी थी।

इसके बाद पंजाब सरकार ने विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर बेअदबी मामलों की जांच सीबीआई से वापस लेने की घोषणा की थी और कानूनी प्रक्रिया के बाद अब यह जांच फिर पंजाब पुलिस के हाथ में पहुंची। एसआईटी ने अपनी पहली पड़ताल में दावा किया था कि इस घटनाक्रम में डेरे से जुड़े 10 अनुयायी शामिल थे जिनमें से मुख्य सूत्रधार महिंदरपाल बिट्टू था जिसकी पिछले साल नाभा जेल में हत्या हो गई थी। हालांकि बिट्टू को बेअदबी मामले में सीबीआई कोर्ट से जमानत मिल गई थी लेकिन वह एक अन्य केस की वजह से जेल में बंद था। इन सभी आरोपियों को रिमांड अवधि पूरी होने पर 6 जुलाई सोमवार को अदालत में पेश किया जाएगा।

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