भागलपुर,
कोरोना का डर के चलते अब लोग मानवता भी भूलते जा रहे हैं। बिहार के भागलपुर में दवा की दुकान पर एक मरीज ने दम तोड़ दिया तो उसे किसी ने देखा तक नहीं। उस मरीज का शव घंटों दुकान की दहलीज पर ही पड़ा रहा लेकिन किसी ने उसके पास जाने की हिम्मत तक नहीं दिखाई।
रिपोर्ट के मुताबिक मृतक मरीज दुकान पर सांस की बीमारी की दवा लेने पहुंचा था। वहां आत्माराम मेडिकल के सामने ही मरीज दवा लेकर दुकान की चौखट पर मुंह के बल गिर पड़ा। कई घंटे तक उसका शव उसी अवस्था में पड़ा रहा। स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई लेकिन किसी ने पास जाने की कोशिश नहीं की। हर किसी को कोरोना संक्रमण का खौफ सता रहा था।
सूचना मिलने के बाद पुलिस वहां पहुंची लेकिन वो भी लाचार दिखी। एसएसपी के आदेश पर एंबुलेंस बुलाई गई लेकिन कोरोना की शंका की वजह से शव को देखकर एंबुलेंसकर्मी वहां से भाग निकले।
सुबह 10:30 बजे से शाम के 4 बजकर 23 तक मृतक का शव यूं ही दवा दुकान की चौखट पर औंधे मुंह पड़ा रहा लेकिन कोई उसे उठाने नहीं पहुंचा। इस दौरान न तो मृतक की पहचान हो सकी और न ही परिजन उसे ढूंढने आए। पुलिस वहां कई बार पहुंची फिर भी लगभग पांच घंटे तक शव पड़ा रहा।
इस दौरान भागलपुर में जो घटनाक्रम दिखा उसने जिला प्रशासन, सिविल सर्जन और कोविड केयर में लगे अधिकारियों को शर्मसार कर दिया। शाम के साढ़े 4 बजे उस व्यक्ति की लाश वहां से किसी तरह हटाई, वो भी तब जब डिप्टी मेयर के कहने पर नगर निगम ने पीपीई किट के साथ अपने सफाईकर्मियों को दुकान पर भेजा।
मृत व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं इसकी जांच अभी नहीं हुई है। भागलपुर में 15 जुलाई तक कोरोना संक्रमित मरीजों का कुल आंकड़ा 125 तक पहुंच चुका है।