गोपालगंज,
सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के दावों की पोल गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से खुल गई। एक महीने पहले ही सत्तरघाट महासेतु का उद्धाटन हुआ था और 264 करोड़ की लागत पानी में बह गई।
बिहार: गोपालगंज में कल पानी के तेज बहाव के चलते एक महीने पहले जिस पुल का उद्घाटन हुआ था उसका एक हिस्सा बह गया। एक स्थानीय ने बताया-"इससे मुजफ्फरपुर, मोतिहारी जाने का लिंक टूट गया है।" #Bihar pic.twitter.com/shMTwvIKVj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 16, 2020
16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था। लोगों का कहना है कि एक माह पूर्व ही इस पुल का उद्घाटन हुआ था। पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है। लोगों के आने-जाने का लिंक समाप्त हो गया है। इधर के लोगों का लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है।
8साल में बनकर तैयार हुआ सत्तर घाट पुल उद्घाटन के 29दिन बाद ध्वस्त हो गया, इस पर 264करोड़ का खर्च आया था। क्या मुख्यमंत्री ने अपनी वाह-वाही के लिए समय से पहले पुल का उद्घाटन किया। हमारी मांग है कि बिहार सरकार पुल बनाने वाली वशिष्टा कंपनी को तुरंत ब्लैकलिस्ट करे: तेजस्वी यादव, RJD https://t.co/69CTURmMEk pic.twitter.com/oN0HB2ItUX
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ये पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था। बता दें कि गोपालगंज में बुधवार को तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया।
बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है। बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव को दी है।
इस सेतु का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। साल 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद पिछले 16 जून 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया था।