आदमपुर (अग्रवाल)
गांव भोडिय़ा बिश्नोईयान में करीब 2 माह पहले शिकारी कुत्तों ने हिरण के छोटे बच्चे को घायल कर दिया था। बच्चे को कुत्तों के चंगुल से छुड़ाकर जीव प्रेमी मुकेश पूनियां व सुमन खिलेरी ने अपनी ढाणी में स्वयं ही इलाज किया और दूध पिलाकर उसे बिल्कुल स्वस्थ कर दिया। बच्चे को लेने के लिए जीव रक्षा विभाग के उपनिरीक्षक दिनेश जांगड़ा, जीव रक्षा समिति से विनोद खिलेरी, भगवानदास करीर, रामकुमार, एम्बुलैंस चालक कृष्ण वापस लौट रहे थे तो थोड़ी सी दूर आगे ढाणी में विनोद खिलेरी की नजर वहां रोड पर बंदूक लेकर खड़े एक बांवरी पर पड़ी।
गाड़ी रूकते ही बांवरी भागने लगा और आवाज लगाई। वहां मौजूद ढाणियों के अन्य लोगों बांवरी को वापस बुला लिया। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम राजू निवासी संगरूर बताया। उप निरीक्षक दिनेश जांगड़ा ने बंदूक को अपने कब्जे में लिया। मौके पर मौजूद गांव के लोगों का कहना था कि राजू खेत में रखवाला है और करीब 8 साल से यहां रहता है जो बंदूक को शिकार नियत से नहीं रखता।
उपनिरीक्षक दिनेश जांगड़ा ने ग्रामीणों से कहा कि अगर शिकार नहीं करता है तो रखवाला पोटास आदि भी रख सकता है। जीव रक्षा विभाग ने बारुदी बंदूक को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।