हिसार

टिड्डी दल के खात्मे के लिए सूचनाओं का तीव्र प्रेषण और संसाधनों के समुचित उपयोग की रणनीति बनाएं : उपायुक्त

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने टिड्डी नियंत्रण के संबंध में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में दिए अधिकारियों को निर्देश

हिसार,
उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा है कि टिड्डी दल के खात्मे के लिए सूचनाओं का तीव्र प्रेषण और सभी संसाधनों का समुचित उपयोग बहुत आवश्यक है। इसके लिए अधिकारी जरूरी रणनीति बनाएं ताकि यदि जिला में टिड्डी दल का प्रवेश होता है तो उसका जल्द से जल्द खात्मा किया जा सके और किसानों का कम से कम नुकसान हो।
उपायुक्त ने यह बात आज जिला सभागार में आयोजित टिड्डी नियंत्रण के जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि जिला में टिड्डी दल का प्रवेश हो ही नहीं, लेकिन यदि टिड्डी दल आ जाता है तो उसके खात्मे और नियंत्रण के लिए अपनी तैयारियां पूरी करके रखें। टिड्डी दल अगले तीन महीने तक सक्रिय रहने की संभावना जताई गई है और केंद्र व प्रदेश सरकार टिड्डी दल के खात्मे और किसानों को इसके नुकसान से बचाने के प्रति गंभीर है। इसी प्रकार सभी संबंधित अधिकारी व कर्मचारी भी इसी गंभीरता से टिड्डी नियंत्रण में अपना योगदान देने के लिए गंभीर रवैया अपनाएं।
उन्होंने कहा कि टिड्डी के खात्मे के लिए सबसे महत्वपूर्ण है सूचनाओं का प्रेषण। जिला में टिड्डी के प्रवेश की सूचना जितनी जल्दी प्रशासन तक पहुंचेगी, उतनी ही जल्दी इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इसके लिए गांवों, विशेषकर सीमावर्ती गांवों में नियुक्त पटवारी व ग्राम सचिव अपने स्टेशनों पर मौजूद रहकर टिड्डी दल की गतिविधि पर नजर रखें और ग्रामीणों से तालमेल बनाए रखें ताकि टिड्डी दल आने की स्थिति में सूचना तुरंत कृषि विभाग व प्रशासन तक पहुंच सके। कृषि व बागवानी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भी अधिकतर समय फिल्ड में बिताएं। ग्रामीण टिड्डी दल के संबंध में कोई भी सूचना नोडल अधिकारी अरुण कुमार को उनके मोबाइल नंबर 92158-09009 अथवा कृषि विभाग के कार्यालय के दूरभाष 01662-225713 पर दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम उपमंडल व खंड स्तर पर भी टिड्डी नियंत्रण के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशिक्षण करवाएं। अधिकारी सीमावर्ती गांवों में जलस्रोतों की मैपिंग करवाकर रखें ताकि टिड्डी नियंत्रण के लिए समय पर आवश्यकता अनुसार पानी उपलब्ध हो सके। उन्होंने अधिकारियों को टार्च आदि का भी प्रबंध करवाने को कहा ताकि रात के समय ऑपरेशन चलाने में दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के प्रति किसान बिल्कुल न घबराएं बल्कि सजग रहकर प्रशासन के साथ सहयोग करें। प्रशासन जिला में टिड्डी के नियंत्रण के लिए पूरी तरह से सक्षम और मुस्तैद है।
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कीट विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. योगेश कुमार ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में टिड्डी के प्रजनन, जीवन चक्र और व्यवहार संबंधी अन्य जानकारी देते हुए बताया कि इसके बारे में किसानों को जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके साथ ही जिला में उपलब्ध सभी संसाधनों की जानकारी होना और आवश्यकता के समय इनकी उपलब्धता होना भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि टिड्डी को ट्रैक्टर माउंटेड अथवा अन्य बड़े यंत्रों के माध्यम से कीटनाशकों के छिडक़ाव से खत्म किया जा सकता है। यह कार्य दिन में नहीं बल्कि रात को ही हो सकता है क्योंकि टिड्डी किसी स्थान पर रात को ही टिकता है। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल 150 किलोमीटर प्रतिदिन की रफ्तार से यात्रा कर सकता है। भारत-पाकिस्तान में सक्रिय टिड्डी गर्म मौसम में अंडे देती है और यदि अंडे देने के दौरान उस खेत को पानी से भर दिया जाए अथवा बिल्कुल सुखा दिया जाए तो भी इसके अंडे नष्ट हो सकते हैं। उन्होंने टिड्डी के खात्मे के लिए कारगर दवाओं व नॉन केमिकल तरीकों की भी जानकारी दी।
टिड्डी नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ. अरुण यादव ने बताया कि टिड्डी पर नियंत्रण के लिए हवा का रुख पहचानना और इसके बैठने के स्थान की सही मैपिंग करना बहुत जरूरी है। टिड्डियों पर स्प्रे के दौरान बिजली की उपलब्धता और जल स्रोतों की पहचान भी आवश्यक है। छिडक़ाव करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट पहनना भी जरूरी है ताकि कीटनाशक से उन्हें कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि गांवों में तालाब आदि जल स्रोतों में कभी भी स्प्रे नहीं करना चाहिए तथा स्प्रे वाले स्थानों पर उगाई गई चारा फसले पशुओं को नहीं खिलानी चाहिए। उन्होंने बताया कि टिड्डी दल के बैठने के स्थान तक कीटनाशक की आपूर्ति की जिम्मेदारी सरकार द्वारा हैफेड विभाग की लगाई गई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक गंगाराम पूनिया, अतिरिक्त उपायुक्त अनीश यादव, एसीयूटी अंकिता चौधरी, हांसी एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह, नारनौंद एसडीएम विकास यादव, हिसार एसडीएम राजेंद्र सिंह, बरवाला एसडीएम राजेश कुमार, सीटीएम अश्वीर सिंह, डीआरओ राजबीर सिंह धीमान, डीडीपीओ सूरजभान व कृषि उपनिदेशक डॉ. विनोद फोगाट सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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