खतरे को देखते हुए विभाग ने दोनों ओर से बंद की गली
आदमपुर (अग्रवाल)
आदमपुर मेन बाजार व रेलवे स्टेशन के पीछे गली में सीवर की पाइप लाइन पिछले करीब साढ़े 3 माह से छतिग्रस्त है लेकिन जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग इसे ठीक करवाने के लिए गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। विभाग ने लाइन को ठीक करवाने के स्थान पर लाइन डेमेज वाली गली को ही दोनों तरफ से बंद कर दिया है। इससे रेलवे स्टेशन के पीछे घरों में आने-जाने वाले वाहनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को यहां के लोगों ने सरकार व विभाग के खिलाफ रोष जताया और नारेबाजी की। लोगों ने चेतावनी दी है कि जल्द ही समस्या का समाधान नही हुआ बाजार बंद कर धरना-प्रदर्शन करेंगे।
यहां के लोगों ने बताया कि मैन बाजार के पीछे वाली गली में पूरी सीवरेज लाइन नीचे बैठकर डेमेज हो चुकी है। इसके चलते 1 बिजली का पोल व रेलवे बाउंड्री की दीवार 2 जगहों से गिर चुकी है। अब लोगों को करीब 50 घरों के गिरने का खतरा सताने लगा है। लोगों का कहना है कि अधिकारी उनकी सुनते नहीं, विधायक के पास ग्रांट नही.. भाजपा नेता इस एरिया में आते नहीं और सांसद बीमार है, ऐसे में उनकी समस्या का समाधान कौन करेगा।
समाजसेवी संजय सोनी ने बताया कि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस लाइन को ठीक करने का बजट 1 करोड़ 18 लाख रुपए का बनता है। इसके बाद विधायक कुलदीप बिश्नोई ने क्रांति चौक से बरसाती पानी निकासी और इस लाइन को ठीक करवाने के लिए सरकार से पत्राचार करवाकर मार्कीट कमेटी सचिव को 1 करोड़ रुपए जारी करने के निर्देश दिलवाए। लेकिन जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों ने इस राशि के बजट से इस डेमेज लाइन को हटाकर बस स्टैंड, क्रांति चौक, भादरा फाटक की तरफ की एक अलग लाइन का अस्टिमेंट बना दिया।
पंचायत सदस्य अनिल बंसल, प्रवीण शर्मा, सुभाष ने बताया कि यहां पर बिजली के पोल बिना नक्शे के देखें सीवरेज लाइन के ठीक ऊपर लगा दिए गए। करीब 4 माह पहले बिजली पोल के कारण एक जगह से जमीन नीचे धंसने लगी और बिजली का 1 पोल और रेलवे बाउंड्री की दीवार गिर गई। इससे सीवरेज लाइन डेमेज हो गई। इसके बाद लगातार जमीन धंसती गई और सीवर लाइन जगह-जगह से डेमेज होती गई। विभाग के पास लोग जाते रहे लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला।
यहां के निवासी प्रिंस ब्रेन, रमन, संतलाल, महेंद्र वर्मा ने बताया कि सरकार ने विधायक कोटे की ग्रांट को समाप्त कर दिया। अब सांसद कोटे को भी बंद कर दिया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास बजट नहीं है। ऐसे में यहां के लोग कहां जाए। उन्होंने कहा इस लाइन को स्व.भजनलाल के शासनकाल में मार्कीट कमेटी के फंड से डाला गया था। अब भी सरकार को मार्कीट कमेटी के फंड से इसे ठीक करवानी चाहिए। उन्होंने कहा विभाग इस लाइन को ठीक करवाने के स्थान पर लोगों को इस लाइन से कनेक्शन हटवाकर आगे मेन बाजार से कनेक्शन लेने की सलाह दे रहा है।
कमल सोनी, शिव कुमार, रमेश, प्रभू ने बताया विभाग ने यहां पर अस्थाई पाइप डालकर 2 जनरेटर और मोटर लगा दी है। इसका 1 दिन का खर्च करीब 20 हजार रुपए बताया जा रहा है। पिछले 110 दिन से यह खर्च अस्थायी व्यवस्था पर किया जा रहा है। यदि अधिकारी इस खर्च को स्थायी समाधान पर खर्च करते तो अब तक समस्या से लोगों को निजात मिल जाती। देवीलाल, संतलाल, सुरेश शर्मा ने बताया कि रेलवे अब जलघर का निर्माण अपनी जमीन पर कर रहा है। ऐसे में रेलवे अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस लाइन का डम्प यहां से विभाग हटा ले अन्यथा वे इसे उखाड़ देंगे। यदि यहां से डम्प को उखाड़ दिया गया तो आधे आदमपुर की सीवरेज व्यवस्था ठप्प हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विकास में भागीदारी के लिए आदमपुर के लोगों ने पहली बार स्व.भजनलाल परिवार को हराकर भाजपा के सांसद को लीड दिलवाई। लेकिन अब सरकार यहां के लोगों की समस्याओं की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। मामला उपायुक्त के संज्ञान में होने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं निकल रहा है।
वहीं महिला चंपा देवी, सुनीता, मीना, सावित्री, उषा, संतोष, संजना आदि ने बताया कि सीवरेज व्यवस्था डेमेज होने के कारण यहां 24 घंटे बदबू रहती है। घरों में भोजन बनाना और खाना भी मुश्किल होता जा रहा है। रात को सोने के काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द समस्या का समाधान नहीं किया तो वे बाजार बंद करके अपना रोष व्यक्त करने को मजबूर हो जाएंगे। कुल मिलाकर विभाग और सरकार की अनदेखी के चलते यहां के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यदि जल्द ही हालात नहीं सुधरे तो यहां बने मकानों के गिरने का खतरा भी बन सकता है जिसका डर लोगों को सता रहा है।