हरियाणा हिसार

अब समाज कल्याण विभाग फेमिली आई.डी. के साथ बनाएगा नई पैंशन

पारदर्शी होगी योजना, फेमिली आई.डी. में पूरे परिवार का डाटा होगा उपलब्ध, नहीं छिप सकेगा आय का स्त्रोत

हिसार, (राजेश्वर बैनीवाल)।
राज्य के सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत मिल रही पैंशन प्राप्त करनेे में अब फेमिली आईडी (परिवार पहचान पत्र) की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। विभाग ने फेमिली आईडी बना ली है और अब पैंशन लेने वाले की पैंशन को फेमिली आईडी से जोड़ा जाएगा। विभाग ने यह काम शुरू भी कर दिया है और अब नई पैंशन फेमिली आई.डी. के साथ ही बनेगी।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि गलत तथ्यों के आधार पर या आय छिपाकर पैंशन प्राप्त करने वालों को योजना से बाहर करने के लिए फेमिली आईडी योजना को लागू करना विभाग का ​महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग ने पैंशन योेजना को फेमिली आईडी से जोड़ने का काम जोर—शोर से शुरू कर दिया है। फेमिली आईडी के तहत परिवार के सभी सदस्यों की आईडी यानि पहचान पत्र बन रहा है, जिसमें सबके आधार नंबर भी दर्ज होंगे। विभाग का मानना है कि फेमिली आईडी बनने के बाद पैंशन योजना में काफी सुधार होगा क्योंकि बहुत से लोग सरकार के नियमों का उल्लंघन करके तथ्य छिपाकर पैंशन ले रहे हैं या फिर वार्षिक आय के अनुसार पात्र न होते हुए भी पैंशन लाभ प्राप्त कर रहे है। फेमिली आईडी में दर्ज आधार कार्ड से पता लग सकेगा कि परिवार के मुख्य सदस्य किसी सरकारी नौेकरी में या सेवानिवृत तो नहीं है। यदि ऐसा है तो उनकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से अधिक होती है और ऐसेे में वह मुखिया खुद या उसकी पत्नी पैंशन की हकदार नहीं है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिले में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें कुछ लोग तथ्य छिपाकर यानि आय छिपाकर पैंशन प्राप्त कर रहे हैं। राज्य सरकार के निर्देशों पर पैंशन योजना को फेमिली आईडी से जोड़ने की चर्चा सुनने के बाद कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें उन लोेगों ने अपनी पैंशन स्वेच्छा से कटवाई भी है। विभाग का मानना है कि फेमिली आईडी योजना पूरी तरह से लागू होने के बाद यह योजना काफी पारदर्शी हो जाएगी। जिला में इस समय 2 लाख 15 हजार से ज्यादा पैंशन लाभपात्र है, जिनमें वृद्ध, लाडली, दिव्यांगजन, विधवा व अन्य श्रेणियों के लाभपात्र शामिल है।
इस संबंध में बात किये जाने पर जिला समाज कल्याण अधिकारी ​डा. दलबीर सिंह सैनी ने बताया कि राज्य सरकार एवं विभाग की उच्चाधिकारियों के निर्देशों पर फेमिली आईडी बना दी गई है और पैंशन को फेमिली आईडी से जोड़ने का काम शुरू कर दिया गया है। उनका मानना है कि यह योजना लागू होने के बाद आय ​छिपाकर पैंशन प्राप्त करना संभव नहीं होगा। फेमिली आईडी यानि परिवार के पूरे ब्यौरे के अभाव में विभाग को सही पता नहीं चल पाता कि परिवार की वार्षिक आय कितनी है।

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