दीप जलाकर किया राम मंदिर शिलान्यास का सम्मान
आदमपुर (अग्रवाल)
नाम शहाबुद्दीन कुरैशी है..मजहब इस्लाम है और पहचान भगवान राम है। जी हां, आदमपुर में शहाबुद्दीन कुरैशी को भगवान राम के नाम से पहचान मिली हुई है। इसका कारण है शहाबुद्दीन कुरैशी पिछले करीब 20 सालों से गणेश रामलीला में राम की भूमिका को निभाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं उनका बेटा भी अब राम की भूमिका रामलीला में करने लगा है।
5 अगस्त 2020 को यादगार लम्हा बताते हुए शहाबुद्दीन कुरैशी ने कहा कि राम आस्था है..राम विश्वास है..राम श्रद्धा है—ऐसे में राम को लेकर हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई या अन्य किसी धर्म के होने का सवाल ही नहीं उठता। श्रीराम मानव के कल्याण के लिए धरा पर आए थे और इसलिए प्रत्येक मानव के लिए वे पुज्नीय है। शहाबुद्दीन कुरैशी ने अपने घर और दुकान पर दीपमाला सजाकर राम मंदिर बनने का स्वागत किया।
उन्होंने कहा श्रीराम के जीवन का प्रत्येक क्षण मानव को शिक्षा देता है। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर मानव कल्याण में जीवन को समर्पित करना चाहिए। भारत देश दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां सभी धर्मों का सम्मान होता है। यहां पर धर्म के नाम पर राजनीति तो नेता जरुर करते हैं लेकिन वास्तव में धरातल पर हिंदू, मुस्लिम,सिख और ईसाई में कोई फर्क नहीं है।
शहाबुद्दीन कुरैशी ने कहा आदमपुर कस्बा हिंदू प्रधान कस्बा है। लेकिन इसके बाद भी उनको राम की भूमिका आदर सहित दी जाती है। अब राम ही उनकी पहचान बन चुकी है। आज उनके परिवार 6 सदस्य रामलीला में भूमिका निभा रहे हैं। इनमें वो स्वयं राम की भूमिका निभाते है जबकि अनीफ मोहम्मद जनक, लतीफ मोहम्मद भरत, सरीफ मोहम्मद नारद और साजिद कुरैशी मंथरा का किरदार निभा रहे हैं। उनका 17 वर्षीय बेटा प्रवेज कुरैशी भी राम रोल में अहम भूमिका निभा रहा है।