प्रदर्शन के दृष्टिगत प्रशासन ने तैनात किया पुलिस बल
हिसार,
सीटू से संबंधित आशा वर्कर यूनियन ने क्रांतिमान पार्क से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन करके डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका। नागरिक अस्पताल में चल रहे धरने के 19वें दिन आशा वर्करों ने शहर में जोरदार प्रदर्शन किया। आज के प्रदर्शन की अध्यक्षता सीमा देवी ने की जबकि संचालन अनिता हिसार ने किया।
तय कार्यक्रम के अनुसार सुबह से ही आशा वर्कर यहां के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित होना शुरू हो गई और नारेबाजी करते हुुए अपना विरोध जताना शुरू कर दिया। पार्क में सभा के दौरान विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बात रखी और बाद में सरकार विरोधी नारे लगाते हुए जुलूस के रूप में फव्वारा चौक से होते हुए लघु सचिवालय के समक्ष पहुंची। यहां पर सरकार विरोधी नारे लगाते हुए अपनी मांगों के पक्ष में बातें रखी और पुलिस की मौजूदगी में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका।
प्रशासन ने भी आशा वर्करों के प्रदर्शन को गंभीरता से लेते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कामरेड सुरेश कुमार व जिला सचिव मोहनलाल राजली ने कहा कि सरकार ने कोरोना की आड़ में सभी सरकारी महकमों को बेचने की तैयारी कर ली है। अधिकतर सरकारी महकमें सरकार ने निजी हाथों में सौंप दिए हैं जो कुछ बचे हैं उन्हें भी हरियाणा एवं केंद्र की सरकार मनमाने दामों पर अपने चहेतों को सौंप रही है जिससे लाखों लोग बेरोजगारी की तरफ बढ़ रहे हैं। सरकार ने कहा था कि हर साल 2 करोड लोगों को रोजगार दिया जाएगा लेकिन रोजगार देना तो दूर जिन लोगों को रोजगार उपलब्ध था, कोरोना महामारी में अनेक फैक्ट्रियों में भारी छंटनी कर दी गई है, लोगों को खाने के लाले पड़े हुए हैं, आने वाले दिनों में हालात और भी बदतर होने वाले हैं सरकार अपनी मनमर्जी कर रही है और वह किसी की नहीं सुन रही है। देश के बड़े बड़े अर्थशास्त्री तक यह बोल चुके हैं कि लोगों को कोरोना जैसी महामारी के बीच आर्थिक सहायता आर्थिक पैकेज देने चाहिए ताकि देश की अर्थव्यवस्था सुचारु रुप से चल सके परंतु केन्द्र व प्रदेश सरकार चुप्पी मारे हुए हैं और सार्वजनिक संस्थानों को बेचने की स्पीड को तेज किए है। अगर यही हाल रहा तो आने वाले 3 वर्षों देश की अर्थव्यवस्था डूबने के कगार पर पहुंच जाएगी जिससे देश कई वर्ष पीछे चला जाएगा। जब सारे सरकारी महकमे बिक जाएंगे तो सबसे पहले स्कीम वर्करों पर नौकरी का संकट बनेगा। इसलिए सभी आशा वर्करों को चाहिए कि वे एकजुट होकर संगठन को मजबूत करें ताकि अपनी लड़ाई जीत सकें।
आशा वर्करों के प्रदर्शन को सीटूू जिला सह सचिव विरेंद्र दुर्जनपुर, भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव मनोज सोेनी नेे भी संबोधित किया और यूनियन की और से अपना समर्थन दिया। मिड डे मिल की जिला सचिव अक्षमा ने भी यूनियन की ओर से आशा वर्करों को अपना समर्थन दिया। धरने को भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव मनोज सोनी, लीलूराम, अक्षमा, पीटीआई के नेता विजय कुमार, रोशनी उकलाना मंड़ी, निर्मला ढ़ाणी ठाकर हांसी, सीमादेवी, अनीता, कमलेश आदमपुर, कमलेश उकलाना मंडी, निर्मला सोरखी, दर्शना सरहेड़ा, ममता आदमपुर, कृष्णा तेलनवाली, मोनिका, कृष्णा आजाद नगर, ममता खेदड़ आदि ने भी संबोधित किया।
आशा वर्करों ने ये रखी मांगे
इस अवसर पर आशा वर्कर यूनियन ने अपनी मांगे रखी जिनमें जनता को गुणवता स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकारी स्वास्थ्य के ढ़ाचें को मजबूत करने व एनएचएम को स्थाई करने, आठ एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत तुरंत वापस लागू किया, कोविड-19 में काम कर रही आशाओं को जोखिम भत्ते के तौर पर 4000 देने व कोविड-19 के लिए दिए जा रहे 1000 प्रोत्साहन राशि का प्रतिशत देने, गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना की शिकार आशाओं को सरकार के पैनल अस्पतालों में इलाज की सुविधा देने, आशाओं को सामुदायिक स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाने व जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन देने व इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ने, ईएसआई एवं पीएफ की सुविधा देने, आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा देने तथा 21 जुलाई 2018 को जारी किए गए नोटिफिकेशन के सभी बचे हुए निर्णय को लागू करने की मांग की गई।