परेशान किसान बोले-उनकी फसलों को हुआ कोरोना
आदमपुर (अग्रवाल)
महंगे दामों की कीटनाशक का छिड़काव करने के बाद भी नरमा-कपास की फसल सफेद मक्खी के हमले से नहीं बच पा रही है। परेशान किसानों ने कहा कि अब इंसानों के बाद उनकी फसलों को भी कोरोना हो गया है। कई गांवों में परेशान किसान अब फसलों पर ट्रैक्टर से हल चलाने के लिए मजबूर हैं। गांव काबरेल के परेशान हुए किसान होशियार सिंह ने सफेद मक्खी के प्रकोप से खराब हुई करीब 3 एकड़ फसल पर रोटावेटर चला दिया।
किसान बलजीत सिंह नंबरदार ने बताया कि उन्होंने महंगे भाव के कीटनाशक का छिडक़ाव भी किया ताकि सफेद मक्खी का प्रकोप कम हो सके, लेकिन फसल में कोई सुधार नहीं हुआ। गांव के सरपंच धर्मसिंह व किसानों ने बताया कि नरमा चुगाई तक आमदन से ज्यादा खर्च हो जाएगा, इसलिए फसल पर हल चलाना ही आखिरी रास्ता रह गया। इसी तरह वीरवार को गांव कोहली व कालीरावण के सैंकड़ों किसानों ने तहसील कार्यालय में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपने आए गांव कोहली के किसान सुरेश प्रजापति कोहली, पवन सोनी, प्रताप सिंह, रणबीर धायल, राजेंद्र कुमार, परमानंद, लालचंद, अर्जुन छिंपा, अजय, जयवीर धायल, कृष्ण बिश्नोई, भीम सिंह, मस्तुराम, बेगराज, राकेश, गुलाब सिंह, विनोद कुमार, भाल सिंह, रमेश कुमार, नरेंद्र पायल, गोपी, इंद्र सिंह धायल आदि ने बताया कि नरमा बिजाई से अब तक करीब 20 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से खर्च कर चुके हैं, हर 2 दिन छोडक़र कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर कीटनाशक का छिडक़ाव किया गया, लेकिन सफेद मक्खी का प्रकोप कम नहीं नहीं हुआ।
वहीं कालीरावण के किसान रामकुमार, हनुमान, आत्माराम, सीताराम, सुभाष, विनोद, ओमप्रकाश, विष्णु, प्रदीप आदि ने बताया कि कम बारिश होने की वजह से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है। आदमपुर क्षेत्र में लगभग 80 से 85 प्रतिशत नरमा, कपास, ग्वार, बाजरा व मंूग की फसल खराब हो चुकी है और नरमा-कपास की फसल तो 90 प्रतिशत तक खत्म हो चुकी है। बारिश कम होने की वजह से सफेद मक्खी का प्रकोप ज्यादा बढ़ गया जिसके कारण नरमा-कपास की फसल काली होकर जल चुकी हैं। प्रदेश व केंद्र सरकार बर्बाद होते किसानों की सुध ले और ज्यादा से ज्यादा उचित मुआवजा देने की घोषणा करें। ज्ञापन पाकर तहसील के आर.सी. विनोद यादव ने कहा कि किसानों की मांगे अधिकारियों तक पहुंचा दी जाएगी।