आदमपुर (अग्रवाल)
केंद्र सरकार ने पबजी सहित 118 एप्प को बंद करने का निर्णय लिया था, इस निर्णय को क्षेत्र के युवाओं ने सराहनीय बताते हुए इसका स्वागत किया है। उनका कहना है कि अवसाद में डालने वाले इन एप्प से युवाओं की पीढ़ी का नुकसान हो रहा था।
इस निर्णय पर गांव सदलपुर के युवा मनजीत कुमार ने कहा कि पबजी व अन्य कई एप्प बंद करना करोड़ों युवाओं के हित में है। गांव के गांव बर्बाद हो रहे थे, जिन्हें न कोई काम से मतलब था न देश से, वे बस सुबह-शाम चौराहों पर बैठकर दिन रात मोबाइल की चमचमाती स्क्रीन में व्यस्त रहते थे।
छात्र अंशुल कुमार ने कहा कि यह नया नशा था, जिससे एक पूरी पीढ़ी ग्रसित थी। ऐसे एप खेलों की जगह नहीं ले सकते जबकि खेल हमें अवसाद से बाहर निकालते हैं, शारीरिक क्षमता को बढ़ाते हैं और सामूहिकता की भावना विकसित करते हैं।
सी.डी.एल.यू. सिरसा में एम.एस. सी. कर रही छात्रा ममता वर्मा ने कहा कि अब युवाओं की भागीदारी शैक्षणिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ सकेगी। पब्जी गेम पर प्रतिबंध से देश के युवाओं का ध्यान बेहतर रूप से केंद्रित हो सकेगा साथ ही स्वदेश में निर्मित एप्प को बढ़ावा मिलेगा।
सी.डी.एल.यू. की छात्रा सरिता ने कहा कि पबजी जैसे खेल युवाओं की दूरदर्शिता और मनोवैज्ञानिक क्षमताओं को बुरी तरह प्रभावित कर रहे थे। सरकार ने एप बंद करके युवाओं के हित में फैसला लिया है। जो उम्र मैदानों में खेलने की थी, शारीरिक विकास को विकसित करने की थी उस उम्र में युवा चार दीवारों के बीच मानसिक रूप से पंगु बन रहे थे।
खाबड़ा कलां निवासी छात्रा कल्पना बैनीवाल ने कहा कि अब युवाओं को राष्ट्रहित में निस्वार्थ भाव से स्वयं का व्यक्तित्व विकास करते हुए योगदान देना चाहिए। पबजी जैसे खेल खेलने से बच्चे मानसिक रूप से बीमार हो रहे थे और हिंसात्मक प्रवृत्ति की ओर बढ़ रहे थे।
छात्रा रेखा बिश्नोई ने कहा है कि ये तो एक तरह का टाइम पास गेम था। हर समय बाहर घूमना-फिरना या खेलना संभव नही होता। ऐसे में अकसर लोग टाइम पास के लिए इन एप्स का इस्तेमाल करते है। हालांकि इससे बहुत हद तक सेहत को नुकसान भी होता है, तो सरकार के इस फैसले को गलत भी नही कहा जा सकता।