धरनास्थल पर ही कटोरा लेेकर बैठे, जनता से भीख देने की अपील
हिसार,
नगर निगम क्षेत्र से अतिक्रमण व अवैध कब्जे हटाने की मांग पर निगम कार्यालय के समक्ष पिछले लंबे समय से धरने पर बैठे सांझा मोर्चा के अध्यक्ष अनिल महला ने सोमवार से अधिकारियों के लिए भीख मांगों अभियान शुरू कर दिया। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार व राजनीतिक दबाव तले अधिकारियों को पैसे की जरूरत है, इसलिए भीख में जो राशि आएगी, वह वे प्रशासनिक व निगम अधिकारियों में बांट देंगे।
अनिल महला ने तीन दिन पूर्व चेतावनी दी थी कि यदि रविवार तक नगर निगम ने सब्जी मंडी चौकी के पास, चन्दूलाल गार्डन की सड़कों पर 8 फुट कब्जे, सब्जी मंडी चौक से मुल्तानी चौक पार्क रोड से कब्जे व अन्य जगहों से अवैध कब्जे व अतिक्रमण नहीं हटवाए तो वे धरनास्थल पर मंडल आयुक्त, उपायुक्त तथा नगर निगम के आयुक्त व सयुंक्त आयुक्त के लिए आर्थिक सहायता के लिए कटोरा रखकर जनता से अपील करेंगे ताकि रिश्वतखोरी छोड़कर ये अधिकारी अपने कर्तव्य का पालन कर सकें। उन्होंने कहा कि मंडल आयुक्त व उपायुक्त ने निगम के भ्रष्टाचार की तरफ से बिल्कुल ही मुंह मोड़ लिया है। इसी के चलते सरकार एवं अधिकारियों के भ्रष्टाचार मुक्त के दावे केवल हवा हवाई साबित हो रहे हैं। अपनी बैठकों में भ्रष्टाचार समाप्त करने, अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटाने तथा जनता की शीघ्र सुनवाई करने का दावा करने वाले अधिकारियों की पोल अब पूरी तरह से जनता के सामने खुल गई है। उन्होंने कहा कि वे पिछले लंबे समय से निगम क्षेत्र से अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटवाने की मांग पर धरना दे रहे हैं, निगम के अधिकारी भी आए दिन कार्यालय में आते हैं और चले जाते हैं। किसी अधिकारी में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे निगम की जमीन से अतिक्रमण व अवैध कब्जे हटवाने का आदेश जारी कर सके या उनके धरने को गलत बता सके। यदि उनका धरना या उनकी मांगे गलत है तो भी अधिकारियों को बताना चाहिए, ताकि पता चल सके कि सही क्या है।
धरने पर बैठे अनिल महला ने कहा कि उन्होंने अपना अभियान शुरू कर दिया है। जनता से जो भी आर्थिक सहायता मिलेगी उसे चारों उच्च अधिकारियों में बराबर बांट दी जाएगी। उन्होंने शहर की जनता से अपील की कि वे इन अधिकारियों के लिए अधिक से अधिक भीख दें। उन्होंने कहा कि यदि अधिकारियों में गैरत है तो अब भी समय है कि वे निगम क्षेत्र से अवैध कब्जे व अतिक्रमण तुरंत हटवाएं। इसके साथ ही मंडल आयुक्त व उपायुक्त को भी इस तरफ ध्याान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया कि नगर निगम को छोड़कर हर विभाग को पुलिस बल तुरंत मिल जाता है पर नगर निगम के अधिकारियों को कभी नहीं मिलता, जो विचार करने वाली बात है।