हिसार

निगम अधिकारियों ने नहीं माने मंडल आयुक्त के आदेश, महला ने फिर शुरू किया धरना

सांझा मोर्चा अध्यक्ष ने निगम अधिकारियों पर लगाया मोटा कमीशन लेकर कब्जे करवाने का आरोप, जनरेटर हटाने के आदेश भी हवा हुए

हिसार,
हिसार मंडल आयुक्त ने आश्वासन देकर सांझा मोर्चा के अध्यक्ष अनिल महला को धरना स्थगित करने को कहा, साथ ही निगम अधिकारियों को उनकी मांगों पर कार्रवाही के निर्देश दिए लेकिन निगम अधिकारियों ने मंडल आयुक्त के आदेशों को हवा में उड़ा दिया। मंडल आयुक्त की वादाखिलाफी व निगम अधिकारियों की लापरवाही के खिलाफ अनिल महला ने बुधवार से निगम कार्यालय के समक्ष फिर से धरना शुरू कर​ दिया। साथ ही उन्होंने ऐलान किया है कि वे आयुक्त के साथ हुई बातचीत का आडियो जारी करके उनकी वादाखिलाफी जनता के सामने लाएंगे वहीं सप्ताह में तीन दिन निगम कार्यालय के बाहर, एक दिन मंडल आयुक्त के कैंप कार्यालय के बाहर व एक दिन उपायुक्त के कैंप कार्यालय के खिलाफ धरना देंगे।
निगम कार्यालय के समक्ष 22 जून से हर कार्यदिवस धरना देकर अनिल महला ने निगम क्षेत्र से अति​क्रमण व अवैध कब्जे हटवाने की मांग जोर—शोर से उठाई। इसी के चलते मंडल आयुक्त ने 18 दिन पूर्व उनसे बातचीत करते हुए 15 दिन में उनकी मांगों पर कार्रवाही करने का आश्वासन देते हुए निगम अधिकारियों को कार्रवाही के निर्देश दिए। इन 15 दिनों में निगम की कार्रवाही ढाक के तीन पात वाली रही और 15 दिन की बजाय 18 दिन इंतजार करके अनिल महला ने फिर से अपना धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि धरना शुरू करने से पहले उन्होंने तीन दिन पहले मंडल आयुक्त को अवगत भी करवा दिया था लेकिन अब तो निगम अधिकारियों का भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ गया है, जिसके चलते मंडल आयुक्त के निर्देश भी उनके लिए कोई मायने नहीं रखते। उन्होंने निगम आयुक्त से सवाल किया कि लगभग 10 दिन पूर्व उन्होंने सभी दुकानदारों को जनरेटर हटवाने के निर्देश दिए थे, उसका क्या हुआ। वास्तव में इस तरह के आदेश किसी और काम के लिए होते हैं, जिसमें अधिकारी सफल हो जाते हैं।
अनिल महला ने कहा कि कड़ी धूप व उमस में धरने पर बैठने के कारण मेरी तबीयत खराब रहने लगी है। अब उनकी टांगों में भी दिक्कत है। यदि उन्हें कुछ हो जाता है ​तो उसके लिए मंडल आयुक्त, उपायुक्त एवं नगर निगम के अधिकारी जिम्मेवार होंगे, क्योंकि ये उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे है। यदि उनकी मांगे गलत या झूठी है तो ये अधिकारी इसे साबित करके दिखाए। उन्होंने कहा निगम क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे व अतिक्रमण है और निगम के अधिकारियों को इन कब्जों की बदौलत मोटा कमीशन मिल रहा है, जिसकी वजह से ये उन्हें हटा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे निगम क्षेत्र से अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटवाने तथा नगर निगम से भ्रष्टाचार समाप्त करवाने के लिए धरने पर डटे रहेंगे, चाहे उन्हें इसकी कोई कीमत चुकानी पड़े।

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Jeewan Aadhar Editor Desk