जनता के हित में विधायक जोगीराम सिहाग की तरह सत्ता का मोह छोड़ें राजनेता : सहगल
हिसार,
किसानों के समर्थन में व कृषि विधेयकों के विरोध में जिस प्रकार से बरवाला हलका के विधायक जोगीराम सिहाग ने चेयरमैन पद को ठुकराया है, वह सराहनीय है। देश के अन्य राजनेताओं के लिए भी यह एक उदाहरण है और उनको भी जनता के हित में सत्ता का लालच छोडऩा चाहिए और जनता के हितों की आवाज उठानी चाहिए।
यह बात हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन और अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय चेयरमैन एमएल सहगल ने एक संयुक्त बयान में कही। उन्होंने कहा कि कृषि विधेयक किसानों और खेती को बर्बाद करने वाले हैं। इनके लागू होने से किसान और मंडी दोनों पूरी तरह से बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार एमएसपी की गारंटी देने से पीछे हट रही है, उससे साफ है कि इसमें किसानों को बर्बाद कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रबंध किया गया है।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि जिस प्रकार से विधायक जोगीराम सिहाग ने कहा कि वो पहले किसान हैं और विधायक बाद में हैं। बहुत ही सराहनीय है। यह देश के अन्य विधायकों व सांसदों के लिए सबक है जो सत्ता के लालच में किसान व आम आदमी के हितों से खिलवाड़ होने दे रहे हैं। ऐसे नेताओं को देश की जनता कभी भी माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार किसान, मजदूर व कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही हैं, जिनका देश व प्रदेश पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सभी दलों के विधायकों व सांसदों को किसानों, कर्मचारियों व मजदूरों के समर्थन में आगे आना चाहिए और सरकार के गलत निर्णयों का विरोध करना चाहिए। उनको यह सोचना चाहिए कि वो आज जिस पद पर हैं वो आम जनता की ही देन है।