हिसार

‘सज-धज कर गौरी चली लेने प्रभु का नाम, मिलना था श्रीराम से मिल गए आसाराम’

जनवादी लेखक संघ की मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन

हिसार,
जनवादी लेखक संघ की मासिक काव्य गोष्ठी टाऊन पार्क में मास्टर कृष्ण इंदौरा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। काव्य गोष्ठी में मंच संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया। काव्य गोष्ठी में मुख्यातिथि के रूप में वीरेंद्र कौशल उपस्थित रहे।
काव्य गोष्ठी में जयभगवान लाडवाल ने सुनाया कि सज धज कर गौरी चली लेने प्रभु का नाम, मिलना था श्रीराम से मिल गए आसाराम। युवा कवि दीपक ने सुनाया कि चीख-चीख कर गला सुख गया, कोई सुनता नहीं आवाज। उनको खुद को टूक वक्त पर मिलता नहीं जो पैदा करे अनाज। दुर्जनपुर से आए कवि विनोद भाटिया ने सुनाया कि अन्नदाता देश का जयचंदों से हार गया, पांच रुपए किलो आलू कैसे पच्चपन रुपए पार गया।
कलमकार वीरेंद्र कौशल ने सुनाया कि आखिर कोई बीच का रास्ता, तुम्हारी रोटी पर हमारा पास्ता, मेहनतकश मेहनत कर खाएंगे, हम तो बस थाली उठा कर ले जाएंगे। मास्टर कृष्ण इंदौरा ने सुनाया कि सरहद पर जवान, खेत में किसान, मान-सम्मान जरूरी है। कृषि कानून पर राड़ छिड़ी, अविलम्ब समाधान जरूरी है।
ऋषि सक्सेना ने सुनाया कि पथ पर जो पग धर नहीं पाए, मंजिल कैसे पाएं। सभी मनोकामनाएं पूरी हो नहीं सकती, घुट-घुट कर भी वह मर नहीं पाए। काव्य गोष्ठी में चिराग, महेंद्र व विपिन आदि ने भी काव्य पाठ किया।

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