हिसार

आंदोलन कर रहे 11 किसानों की मृत्यु होना दुखदाई घटना : गर्ग

अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए तीन कृषि कानून थोपना चाह रहे प्रधानमंत्री

हिसार,
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने किसान आंदोलन के दौरान 11 किसानों की मौत होना दुखदायी है। उन्होंने कहा कि भारत ही नहीं, पूरे विश्व में कोरोना का प्रकोप चल रहा है, सरकार सोशल डिस्टेंस की पालना की बात कह रही है लेकिन अपनी गलत नीतियों से सरकार खुद ही किसानों व अन्य वर्गों को एकत्रित होकर आंदोलन करने को बाध्य कर रही है।
एक बयान में बजरंग गर्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना अहंकार त्याग कर देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में तीन कृषि कानूनों को तुरंत प्रभाव से वापिस लेना चाहिए। तीन कृषि कानूनों से देश के किसान, आढ़ती व आम जनता को भारी नुकसान होगा क्योंकि फल व सब्जी की तरह अनाज व हर जरूरत का सामान पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो जाएगा और देश में और ज्यादा महंगाई बढ़ेगी। इससे अंबानी- अड़ानी व बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक मालामाल होंगे और आम जनता की जेबों में कंपनियां डाका डलेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसान व आढ़तियों की समस्या का हल कराने की बजाए किसानों में फूट डालने की कोशिश की जा रही है जो देश हित में नहीं है। किसान अपनी खेती व जमीन बचाने के लिए मजबूरी में कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने 5 अप्रैल 2020 को तीन कृषि अध्यादेश लाई थी। आज 8 महीने से ऊपर बीत जाने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया है। यहां तक की केंद्र सरकार की किसान नेताओं से 6 बार बैठक होने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी से लाए तीन कृषि कानूनों को वापिस ना लेकर देश के किसान, आढ़ती व मजदूर को बर्बाद करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री की नीयत ठीक है तो उन्हें संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि काले कानून को तुरंत वापिस लेने चाहिए ताकि देश व प्रदेश के किसान व आढ़तियों को राहत मिल सके।

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