हिसार

किसान आंदोलन में संत की शहादत पर वकीलों ने जताया शोक, रखा मौन

कृषि कानून के खिलाफ धरने पर हो रही मौतों के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार : मल्ही

करतारपुर कॉरिडोर पर वाहवाही लूटने वाले पीएम मोदी की सिख सन्त की शहादत पर चुपी शर्मनाक : मल्ही

हिसार,
जिला बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कुंडली बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में करनाल गुरुद्वारा के संत रामसिंह की शहादत पर गहरा शोक प्रकट कर दो मिनट का मौन रखा। केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के कथित सुधारीकरण के लिए लाए गए तीन कानूनों पर वकीलों ने एकमत होकर फिर से कड़ा एतराज जताया है।
एडवोकेट जेएस मल्ही, एडवोकेट प्रदीप श्योराण, एडवोकेट अमनदीप मल्ही, एडवोकेट बजरंग इंदल व एडवोकेट सिद्धार्थ लांबा ने कहा कि सरकार की संविधान विरोधी नीतियों से देश अराजकता की तरफ बढ़ रहा है। किसान आंदोलन के धरने पर लगातार दर्जन भर से ज्यादा मौतें हो चुकी है। बुधवार को सीएम सिटी करनाल के नानकसर सिंगरा गुरुद्वारे के संत रामसिंह द्वारा किसानों के समर्थन व मोदी सरकार के खिलाफ नाराज और दुखी होकर शहादत देने से पूरा देश विचलित है। एडवोकेट मल्ही ने कहा कि संत की शहादत मोदी सरकार सत्ता से हटा देगी। कड़ाके की ठंड में एक तरफ जहां किसानों की लगातार मौतें हो रही है वहीं प्रदेश की खट्टर सरकार गीता महोत्सव की खुशियां मनाने में मशगूल है। वरिष्ठ अधिवक्ता जेएस मल्ही ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि एक तरफ तो पीएम मोदी राजनीतिक फायदे के लिए इमरान खान से हाथ मिलाकर पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारे के कॉरिडोर बनाने पर वाहवाही लूट रहे थे वहीं देश की राजधानी व संसद से मात्र कुछ किलोमीटर दूरी पर सिख समाज के महान संत की शहादत पर चुप्पी साधे हुए है। ऐसे में मोदी सरकार की विखंडनकारी संघवादी नीतियों का पर्दाफाश हो गया है। संत की शहादत की कीमत मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल होकर भुगतनी पड़ेगी। हरियाणा की खट्टर सरकार को भी अब सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नही बचा है।

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