हिसार

ज्ञान, कर्म व उपासना की त्रिवेणी है गीता : पं. रामचंद्र पाण्डेय

गीता महायज्ञ आज, शोभा यात्रा 23 को

हिसार,
आध्यात्मिक गीता-ज्ञान प्रचारिणी सभा के तत्वाधान में रामपुरा मौहल्ला स्थित गीता भवन में चल रहे 71वें गीता जयंती महोत्सव के तीसरे दिन सत्संग सभा में बोलते हुए अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रामायणी पं. रामचंद्र पाण्डेय ने कहा कि वेद उपनिषद का सार तत्व गीता है। नर-नारायण का सुखद संवाद गीता है। ज्ञान, कर्म, उपासना की त्रिवेणी गीता है। भगवान की दिव्य वाणी गीता है। आध्यात्मिक उर्जा का केंद्र गीता है। समस्त योगों का समन्वय गीता है। अद्वैत वेदांत तथा द्वैत द्वैतोद्वेत विशिष्टाअद्वैत समस्त धर्म शास्त्रों का निचोड़ गीता है। उन्होंने आगे कहा कि संसार की समस्त भाषाओं में गीता का अनुवाद है। न्यायालय में भी सत्य की सौगंध दिलाने के लिए गीता पर हाथ रखवाया जाता है। इससे पूर्व पं. पतंजलि पांडेय ने भी अपने प्रवचन दिए। पूजा गोयल व प्रेमलता बक्शी ने भजनों की वर्षा की। इस अवसर पर सभा की प्रधान ऊषा बक्शी, महामंत्री दयानंद बंसल, रामदित्ता तनेजा, मा. हरबंसलाल शर्मा, चेतन गर्ग, कृष्ण कुमार नागपाल, श्याम नागपाल, अर्जुन माणिक, श्याम सुंदर शर्मा, पं. सत्यवान शर्मा, बलबीर दुगगल, मुन्नीदेवी लोहिया, मधु मित्तल, सुनीता गुप्ता दिल्ली, रेणु शर्मा, वीना नागपाल, सुरेश नागपाल आदि भी उपस्थित रहे।
सभा की प्रधान ऊषा बक्शी ने बताया कि 23 दिसम्बर को प्रात: 7:30 बजे श्रीगीता महायज्ञ किया जाएगा तथा सायं 3:30 बजे से 6 बजे तक सत्संग किया जाएगा। 24 दिसम्बर को दोपहर बाद 3 बजे शोभा यात्रा निकाली जाएगी। 25 दिसम्बर को सायं 3:30 बजे से 6 बजे तक प्रवचन व भजन-कीर्तन होगा। 26 व 27 दिसम्बर को प्रात: 9:30 बजे से दोपहर 12बजे तक व सायंकाल 3:30 बजे से 6 बजे तक प्रवचन व भजन-कीर्तन का कार्यक्रम चलेगा। महोत्सव में प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) से अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रामायणी पं. रामचंद्र पाण्डेय, पतंजलि पांडेय व भजनोपदेशक त्रिभुवन बक्शी, जितेश राखा (लक्की), कु. पूजा गोयल व सुमित मित्तल प्रवचनों व भजनों की वर्षा करेंगे।

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