फल व सब्जी परीरक्षण विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न
हिसार,
वित्तीय संस्थानों से जरूरी मदद लेकर बेरोजगार युवक-युवतियां लघु उद्योग स्थापित करने के लिए आगे आएं। ऐसा करके वे देश-प्रदेश में फैल रही बेरोजगारी को रोजगार मेें बदलकर अच्छे अवसर मुहैया करवा सकते हैं।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार व महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल के वित्त नियंत्रक नवीन जैन ने कहे। वे विश्वविद्यालय में प्रदेश की अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से आयोजित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के समापन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। प्रशिक्षण का आयोजन विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में सिरसा रोड स्थित केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए जरूरी सामान मुहैया करवाया गया। मुख्यातिथि ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के युवक-युवतियां लघु उद्योग स्थापित करके अपने परिवार का पालन-पोषण सकते हैं और दूसरों को भी रोजगार मुहैया करवा सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि यहां से प्रशिक्षण हासिल कर वे समूह बनाकर अपना व्यवसाय शुरू करें और उसे आगे बढ़ाएं। साथ ही प्रशिक्षण से अर्जित ज्ञान को अधिक से अधिक फैलाएं।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एस. हुड्डा की देखरेख में आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर में संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ.अशोक गोदारा ने संस्थान में दिए जाने वाले विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए संस्थान से जुडक़र अधिक से अधिक लाभ उठाने का आह्वान किया। प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. सुरेंद्र सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान आयोजित किए गए विभिन्न सत्रों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण के दौरान अचार मुरब्बा, कैंडी, स्कवैश, चटनी,जैम, टमाटर सोस, फल व सब्जियों को सुखाना जैसी हर प्रकार की जानकारी विस्तारपूर्वक दी गई।
कार्यक्रम के समापन अवसर पर डॉ. डी.के. शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण प्रदेश की 30 अनुसूचित जाति व जनजाति की महिलाओं को प्रदान किया गया और समापन अवसर पर उन्हें प्रमाण-पत्र भी प्रदान किए गए।