हिसार

बेहतर उत्पादन व मुनाफे के लिए सब्जियों की संरक्षित खेती जरूरी

सब्जियों की संरक्षित खेती से आय बढ़ाने के तरीके बताए

एचएयू में सब्जियों की संरक्षित खेती से किसानों की आय में वृद्धि विषय पर वेबिनार आयोजित

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में सब्जियों की संरक्षित खेती से किसानों की आय में वृद्धि विषय पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान व संस्थान विकास योजना (राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना) के सहयोग से इस वेबिनार को आयोजित किया गया।
संस्थान के सह-निदेशक(प्रशिक्षण)डॉ. अशोक गोदारा ने प्रतिभागियों को नवीन तकनीकों के साथ खुद का कृषि व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि सब्जियां मानव आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो विभिन्न तरह के जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती हैं। विकासशील देशों में सब्जी उत्पादन गरीबी और बेरोजगारी को कम करने के लिए एक आर्थिक अवसर प्रदान करता है। बेहतर सब्जी उत्पादन और अच्छे मुनाफे के लिए संरक्षित खेती के द्वारा टमाटर, मिर्च, शिमला मिर्च, खीरा, बेल वाली सब्जियों और गोभीवर्गीय सब्जियों की गुणवत्तापूर्ण नर्सरी और सब्जी उत्पादन किया जा सकता है। सब्जियों के लिए नर्सरी संरक्षित संरचना जैसे की पोली हाउस, नेट हाउस, शेड नेट में प्रो-ट्रे के द्वारा विकसित की जा सकती है। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार का संचालन प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. दविंदर सिंह, डॉ. अनिल कुमार रोहिला और डॉ. निर्मल कुमार ने किया। डॉ. सुरेंद्र सिंह ने सब्जी उत्पादन के लिए संरक्षित खेती के कार्यक्षेत्र और महत्व के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. हरदीप सिंह ने किसानों को जांच के लिए मिट्टी और पानी के नमूने लेने का तरीका बताते हुए उसी अनुसार पॉली हाउस में सब्जियां उगाने की सलाह दी। डॉ. संदीप कुमार ने प्रतिभागियों को संरक्षित खेती की विभिन संरचनाओं और योजनाओं से अवगत करवाया। डॉ. हंसराज रोहिला ने प्रो ट्रे में सब्जी नर्सरी और डॉ. दविंदर सिंह ने संरक्षित संरचना के अंदर सब्जियों के उत्पादन के बारे में विस्तार से प्रतिभागियों को समझाया। डॉ. पवित्रा ने फंफूद और विषाणु से सब्जियों में होने वाली बीमारियों तथा डॉ. भूपेन्द्र सिंह ने कीटों द्वारा सब्जियों में होने वाले रोगों के बारे में प्रतिभागियों को अवगत करवाया। उन्होंनें किसानों को कीटों व बीमारियों की रोकथाम के लिए रसायनों के सूझबुझ से प्रयोग करने की सलाह दी। डॉ. निर्मल कुमार ने किसानों को सब्जियों के मूल्य संवर्धन व उसके लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण मे 25 किसान और 10 विद्यार्थी शामिल हुए।

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