हिसार

देश के बच्चे-बच्चे को किसान आंदोलन से जोडऩा हमारा मकसद : मोर्चा

किसानों के समर्थन में मोर्चा का लगातार ग्यारहवें दिन धरना जारी

हिसार,
सरकार के लाख ओछे हथकंडों के बावजूद ना दिल्ली पहुंचने वाले प्रदर्शनकारियों की भीड़ रुक रही है और ना ही आंदोलन से हर दिन जुडऩे वाले जनसाधारण की संख्या। ये कहना है पिछले 11 दिनों से पारिजात चौक पर किसानों के समर्थन में धरना दे रहे आंदोलन विस्तार मोर्चा के सदस्यों का।
आज धरने को संबोधित करते हुए मोर्चा सदस्यों ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में देश का अन्नदाता पिछले कई महीनों से सडक़ों पर है। लगभग डेढ़ महीने से राजधानी दिल्ली के चारों तरफ किसान डेरा डाले हुए हैं। आजादी के बाद के सबसे बड़े आंदोलन और इसके लोकतांत्रिक, अनुशासित व शांतिप्रिय तरीके ने सरकार की जड़ें हिला दी हैं। सरकार के नुमाइंदों ने प्रदर्शनकारियों को अलगाववादी, खालिस्तानी, देशद्रोही आतंकवादी, राजनीतिक पार्टी के वर्कर और ना जाने क्या-क्या कह कर आंदोलन को बदनाम व दोफाड़ करने की हर कोशिश की लेकिन किसान अपनी मांगों पर डटा हुआ है। देश का किसान और आम आदमी समझ चुका है कि सरकार, सांसद व मंत्री केवल कठपुतलियां हैं उनके असली दुश्मन कुछ चुनिंदा कॉरपोरेट हैं।
आंदोलन विस्तार मोर्चा के प्रचार संयोजक ज्योति प्रकाश कौशिक ने बताया कि प्रतिदिन धरने के बाद शाम को शहर के अलग-अलग बाजारों व मोहल्लों में जन जागरण अभियान चला कर जागरूक किया जा रहा है कि किस प्रकार इन तीन काले कानूनों के जरिये इस्ट इंडिया कंपनी की तरह देश को एक बार फिर कंपनी राज की गुलामी की तरफ धकेला जा रहा है।
धरने पर मुख्य रूप से मोर्चा के मुख्य संयोजक प्रशांत कुमार, संजीव भोजराज, महावीर शर्मा, अनिल सैनी, अनु सूरा ढींगरा, सौरभ कुमार, विशाल अग्रवाल, विश्वेन्दर, संजय बूरा, बलराज सिंह मलिक, जगदीश राय, मोहित भारद्वाज, राधा सहगल, सुमन सिंह, रूमन कुमारी, अंकित कौशिक, पूर्व निगम पार्षद मानसिंह चौहान, तिलकराज वासदेव, महेन्द्रपाल, राजीव सरदाना, मोहित कत्याल, सौरभ कुमार, राजेन्द्र शर्मा, जयभगवान, सचिन, सुनील गोयल, विपिन शर्मा, मनोज कुमार, परमजीत, नरेंद्र कुमार छिंपी, सुरेंदर टोकस, सुनील कामरेड, बजरंग आदि ने अपने विचार रखे।

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