हिसार

कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ रोकने में हिसार डिपो महाप्रबंधक प्रथम स्थान पर : राजपाल नैन

कहा, 28 जनवरी तक कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो 29 को होगा प्रदर्शन

हिसार,
रोडवेज विभाग को 30 -32 बर्षों तक अपने खून पसीने से सिंचने के बावजूद भी हिसार डिपो से सेवानिवृत कर्मचारी अपनी पैंशन व अन्य वित्तीय लाभ के लिए धक्के खाने को मजबूर हैं। ड्यूटी के दौरान जिन कर्मचारियों का निधन हुआ उनके परिवार को एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी ग्रेजुएटी व पैंशन का लाभ नहीं मिला है। यह बात आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित रोडवेज कर्मचारी यूनियन के डिपो प्रधान राजपाल नैन ने एक बयान जारी कर कही। बयान में उन्होंने कहा कि ड्यूटी के दौरान मरने वाले व सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ व अन्य प्रकार के बिलों की अदायगी रोक कर अपनी काबिलियत को बरकरार रखने के लिए हिसार डिपो के महाप्रबंधक झूठी वाहवाही लूटने के चक्कर में हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को मिलने वाले वित्तीय लाभ रोकने में हिसार डिपो महाप्रबंधक प्रथम स्थान पर हैं। राजपाल नैन ने कहा कि रोडवेज प्रशासन व कुछ लोग कर्मचारी नेताओं के नाजायज तबादले कराने में बेशक सफल हो गए हैं परन्तु इससे आन्दोलन रूकने वाला नहीं है। कर्मचारियों की जायज समस्याओं के समाधान के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष जारी रहेगा।
डिपो प्रधान राजपाल नैन ने महाप्रबंधक व रोडवेज प्रशासन पर आरोप लगाया कि हिसार डिपो में कुछ ऐसे कर्मचारी है जिनकी मौत हुए एक वर्ष से भी ज्यादा का समय बीत चुका है तथा इसी तरह के कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जिनको रिटायर हुए 7 माह से लेकर एक वर्ष तक का समय बीत चुका है परन्तु उनके परिवार को अभी तक समुचित वित्तीय लाभ प्रदान नहीं किए गए हैं। इन कर्मचारियों के पत्नी व बच्चों को हर रोज रोडवेज प्रशासन के पास धक्के खाने को मजबूर किया जा रहा है, जबकि सरकार की हिदायत अनुसार इस तरह के मामलों में कर्मचारियों को दिए जाने वाले सभी तरह के वित्तीय लाभ तत्काल प्रदान किए जाने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार वर्कशाप में परचेज किए गए सामान के बिलों, नाजर व बिल्डिंग क्लर्क के बिलों की अदायगी लम्बित रखकर डिपो को लाभ में दिखाकर डिपो महाप्रबंधक द्वारा झूठी वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रोडवेज प्रशासन इस तरह से कर्मचारियों के मिलने वाले वित्तीय लाभ व बिलों की अदायगी रोककर केवल अपनी नालायकी पर पर्दा डालकर अपनी झूठी परफोर्मेंस दिखाने के लिए सरकार व प्रशासन की नजर में धूल झोंकने का कार्य कर रहा है।
राजपाल नैन ने कहा कि डिपो में कुछ ऐसे चालक-परिचालक भी हैं जो सेवानिवृत्ति के अंतिम पड़ाव पर हैं और जिनकी आयु 56 -57 वर्ष की हो चुकी है इसके बावजूद वो अब भी इस हाड कंपा देने वाली सर्दी में अपने रूट पर डयूटी दे रहे हैं। ऐसे कर्मचारी कई बार अपनी बात महाप्रबंधक के सामने भी रख चुकेहैं जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में परिचालक पद से उप निरीक्षक के पद पर पदोन्नति हुए कर्मचारी हैं जो लिस्ट जारी होने वाले दिन भी जूनियर कर्मचारी की जगह ड्यूटी देने के लिए मजबूर थे। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं जिनको सेवा में आए ही 3 साल से लेकर 5-7 साल का समय ही हुआ है और वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं परन्तु इसके बावजूद भी महाप्रबंधक की जी हुजूरी करके नाममात्र की ड्यूटी करके मौज मस्ती कर रहे हैं।
कर्मचारी नेता राजपाल नैन ने कहा कि संगठन का असली काम है सरकार व प्रशासन की जी हजूरी ना करके कर्मचारियों की जायज समस्याओं को सरकार व प्रशासन के सामने जोरदार तरीके से रख कर उनका समाधान करवाना, परन्तु कुछ चापलूस ओर स्वार्थी इस प्रकार के कार्यों में रोड़ा बन जाते हैं। उन्होंने कहा कि हिसार डिपो के कर्मचारी भी इस प्रकार के लोगों के कारण काफी परेशान हैं। उन्होने रोडवेज प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 28 जनवरी तक कर्मचारियों की जायज समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो 29 जनवरी को डिपो महाप्रबंधक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो दो घण्टे के लिए हिसार डिपो का चक्का जाम भी हो सकता है जिसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी रोडवेज प्रशासन की होगी।

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