हिसार

हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने किया किसानों के समर्थन में प्रदर्शन

तीनों कृषि कानून वापिस लेने की मांग, किसानों को अपमानित करने की निंदा

रोडवेज कर्मियों के हो रहे कार्यों का ब्यौरा भी दिया, संगठनों से एकजुटता की अपील

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने दिल्ली में पिछले लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया डिपोे प्रांगण में धरना दिया। संगठन ने केन्द्र सरकार से अपील की कि वह किसानों की मांगे मानकर इस मसले का हल निकाले क्योंकि सरकार किसानों के फायदे के लिए कानून बनाने की बात कह रही है मगर जब किसान इसे नहीं चाहते तो सरकार को ये कानून किसानों पर नहीं थोपने चाहिए।
इस संबंध में हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ की ओर से डिपो प्रांगण में धरना दिया गया जिसकी अध्यक्षता डिपो प्रधान रामसिंह बिश्नोई नेे की। धरने को संबोधित करते हुए राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा कि दिल्ली में लंबे समय से किसान आंदोलन चल रहा है और अभी तक इसका कोई हल नहीं निकला है। सरकार को किसान संगठनों से बातचीत करके इसका हल निकालना चाहिए और किसानों पर कानून थोपने नहीं चाहिए। उन्होंने आंदोलन कर रहे किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी व उपद्रवी बताए जाने की निंदा की और कहा कि पूरे देश का पेट पालने वाले किसान को हम अन्नदाता तो कहते हैं लेकिन उसे अपमानित करना किसी भी लिहाज से उचित नहीं है क्योंकि किसान केवल किसान होता है, उपद्रवी नहीं। उन्होंने कहा कि जब कोई सैनिक शहीद होता तो सरकार उसे शहीद का दर्जा देती है, भारत माता के जयकारे लगते हैं लेकिन इस समय सीमा पर तैनात सैनिकों के परिजन, पिता या भाई किसान आंदोलन करते हुए पिछले लंबे समय से प्रताड़ित हो रहे हैं। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह किसानों व जवानों को अलग—अलग न आंके और उनकी मांगों को माने। यदि बिलों के प्रति किसानों के मन में शंका है तो उसे दूर किया जाए और जब तक शंका दूर न हो, तब तक इन बिलों को लागू करने की जल्दबाजी न दिखाई जाए। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी भी किसान परिवारों से जुड़े हैं, ऐसे में हम किसानों को अकेले नहीं छोड़ सकते, किसानों के प्रति हमारी भी जिम्मेवारी है।
दलबीर किरमारा ने संगठन की ओर से सर्व कर्मचारी संघ द्वारा 26 फरवरी को किए जाने वाले प्रदर्शन का समर्थन किया और कहा कि प्रताड़ना की इस कार्रवाई के खिलाफ उनका संगठन भी इस प्रदर्शन में शामिल होगा। उन्होंने कहा कि किसानों, मजदूरों या अन्य ट्रेड यूनियनों के मंच पर आवाज उठाने वालों को निलंबित करना व उन पर प्रताड़ना की कार्रवाई करना निंदनीय है क्योंकि जिनको सरकार ने सस्पेंड किया है वे किसी राजनीतिक दल की स्टेज पर नहीं बल्कि किसान, मजदूरों के मंच पर अपने विचार रख रहे थे। इस अवसर पर दलबीर किरमारा ने कर्मचारियों को रोडवेज कर्मचारियों की लंबित एसीपी लगाने व अन्य कार्यों का ब्यौरा दिया और कहा कि हमारा संगठन कर्मचारियों के हितों के प्रति पूरी तरह से सचेत है और डिपो अधिकारियों व उच्चाधिकारियों से मिलकर समय—समय पर कर्मचारियों की मांगे उठाकर उन्हें हल करवाया गया है और आगे भी यह क्रम जारी रहेगा। उन्होंने एक—दूसरे पर छींटाकशी करने वाले संगठनों को सलाह दी कि वे आपस में झगड़ने की बजाय एक मंच पर आए और आपसी लड़ाई की बजाय सरकार से संघर्ष के लिए एकजुट हों क्योंकि हमारी असली लड़ाई सरकार से है। यदि सरकार से नहीं लड़े तो वह दिन दूर नहीं जब विभाग में ठेकेदारी प्रथा व निजीकरण का बोलबाला हो जाएगा और रोडवेज कर्मचारी न केवल प्रताड़ित होगा बल्कि विभाग के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगेगा।
प्रदर्शन का संचालन वरिष्ठ नेता कुलदीप पाबड़ा ने किया। इस अवसर पर उपरोक्त के अलावा जोगेन्द्र लांबा, राजबीर पंघाल, आत्माराम नेहरा, राजेश मुकलान, कमल निंबल, सतपाल डाबला, सोनू हांसी, सचिन, पवन, राकेश, प्रशांत, महेन्द्र व नंदलाल सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य भी थे।

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