बार एसोसिएशन के धरने पर वकीलों ने कृषि बिलों को बताया पूरी तरह किसान विरोधी
हिसार,
जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने कहा है कि केंद्र सरकार को बिना किसी विलंब कृषि बिलों के विरोध में आंदोलनरत किसानों को वार्ता के लिये आमंत्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की तरक्की में किसान का अहम योगदान है और इसी किसान की मेहनत का नतीजा है कि आज देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर है।
बार एसोसिएशन की ओर से लगाए जा रहे धरने पर बैठे वकीलों से चर्चा करते हुए एडवोकेट मनदीप बिश्नोई ने कहा कि देश की आजादी के समय देश में खाद्यान के लिये दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता था, परंतु बाद में किसान की मेहनत से इस समस्या का न केवल समाधान हुआ बल्कि भारत मे पैदा हुए अनाज का निर्यात भी किया जाने लगा। सोमवार को धरने पर जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश यादव, सह सचिव पीयूष तापड़िया, कोषाध्यक्ष सीताराम भाटी, वरिष्ठ अधिवक्ता जगदीश चन्द्र झाझड़िया, जयमल सिंह, जेएस मल्ही, गंगाराम, जेआर बिश्नोई, अनेन्द्र लोरा, सम्मत यादव, छाजूराम, कमला सहरावत, श्वेता शर्मा, रेखा मित्तल, गुरप्रीत कौर, ममता, पूर्व सचिव सोमदत्त शर्मा, राजेश कालीराणा, जयवीर काजला, नीरज सिवाच, दीपचंद, सीआर धांगड़, राजपाल मलिक, डॉ. राजबीर मोर, रामनिवास कुल्हड़िया, पवन वर्मा, मुकेश शर्मा, नरेश हरितेश, आशीष बिश्नोई, कुलबीर जांगू, विकास देहडू, जसवंत पंवार, नवदीप गोदारा सहित दर्जनों अधिवक्ताओं ने कृषि बिलों को पूरी तरह किसान विरोधी बताते हुए इनका जोरदार विरोध किया और केंद्र सरकार से इन्हें पूरे तौर पर निरस्त करते हुए इन पर पुनर्विचार करने की मांग को दोहराया।