हिसार

डिजिटाइजेशन का आधुनिक शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान : प्रो. समर सिंह

एचएयू की नेहरू लाइब्रेरी में तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का शुभारंभ, देशभर के कृषि विश्वविद्यालयों से प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफसर सिंह ने कहा है कि डिजिटाइेजेशन ने आधुनिक शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे शिक्षाजगत को सबसे ज्यादा फायदा मिला है क्योंकि इसकी वजह से हर प्रकार की शिक्षा संबंधी सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध हो रही है। साथ ही इसके लिए समय व स्थान की भी पाबंदी नहीं है क्योंकि इसे हर कोई किसी भी समय व स्थान पर उपयोग कर सकता है।
कुलपति प्रो. समर सिंह विश्वविद्यालय की नेहरू लाइबे्ररी व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला में देशभर से सभी कृषि विश्वविद्यालयों के शिक्षक, विद्यार्थी एवं कृषि पुस्तकालयाध्यक्षों ने हिस्सा लिया। मुख्यातिथि ने आयोजकों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशाला समय-समय पर आयोजित की जानी चाहिए ताकि इससे शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके और वे नवीनतम तकनीकों से अवगत होते रहें। उन्होंने कहा कि शिक्षण संसाधनों के डिजिटलीकरण ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए विशेष रूप से विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू साबित किया है। यह कार्यशाला कृषि वैज्ञानिकों व अनुसंधानकर्ताओं के बीच जागरूकता पैदा करने में मुख्य भूमिका निभाएगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से सेवानिवृत्त प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. अरूण कुमार जैन इस कार्यशाला में गेस्ट ऑनर के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने कृषि कोश-डिजीटल रेपोजिटरी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसमें बहुत सारे संसाधन मौजूद हैं जिसका उपयोग अनुसंधान कार्य के लिए बहुत ही लाभदायक है। आईएआरआई नई दिल्ली से प्रिंसीपल साइंटिस्ट डॉ. अमरेंद्र ने भी कृषि कोश-डिजीटल रेपोजिटरी के आधुनिक फीचर को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की। कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर प्रोफेसर राजीव कुमार पटेरिया ने सभी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के आयोजन की विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
देशभर से 400 प्रतिभागी ले रहे हैं प्रतिभागी, तीन तकनीकी सत्रों में होगा आयोजन
पुस्कालयाध्यक्ष डॉ. बलवान सिंह ने कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कार्यशाला में देशभर के सभी कृषि विश्वविद्यालयों के करीब 400 शिक्षक, विद्यार्थी एवं कृषि पुस्तकालयाध्यक्ष हिस्सा ले रहे हैं। इस कार्यशाला की आयोजक डॉ. सीमा परमार ने बताया कि इस कार्यशाला में 3 तकनीकी सत्र रखे गए हैं जिसमें देशभर से 12 विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया है। वे प्रतिभागियों को सूचना तकनीक को लेकर विभिन्न विषयों को लेकर विचार-विमर्श करेंगे और प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को भी शांत करेंगे। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. बी.आर.कंबोज, वित्त नियंत्रक नवीन जैन सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक एवं विभागाध्यक्ष भी मौजूद रहे।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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