हिसार,
हिसार जिले की अदालत ऑनर किलिंग मामले में आज महिला समेत 3 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमित सहरावत की अदालत ने मंडी आदमपुर की इंद्रा कॉलोनी निवासी युवती की मां कलावंती, भाई शिवकुमार और जीजा साबरवास निवासी राकेश को 5 मई को दोषी करार दिया था। अदालत ने 3 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
20 सितंबर 2017 को मंडी आदमपुर थाना पुलिस ने हत्या करने, शव को खुर्दबुर्द करने और षड्यंत्र रचने का केस दर्ज किया था। जींद जिले के सेवा माजरा निवासी दिलबाग ने बताया था कि 11 सितंबर को छोटे भाई विक्रम के पास फोन आया। उसके बाद वह बाइक लेकर घर से निकल गया। 4 बजे भाई के पास फोन किया था तो किसी और ने उठाया था। इसके बाद फोन बंद आने लगा।
दिलबाग के अनुसार, 17 सितंबर को वह अपने परिचितों के साथ शिवकुमार के घर गया तो उन्होंने कहा कि हमारी लड़की गई, तुम्हारा लड़का गया, इस बात पर मिट्टी डाल दो। इसके बाद उन्होंने 20 सितंबर को आदमपुर थाना पुलिस में शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी शिवकुमार को गिरफ्तार किया तो उसने खुलासा किया कि विक्रम का घर पर आना-जाना था।
दिलबाग के अनुसार, छोटी बहन बबली और विक्रम के बीच प्रेम संबंध बन गए। इस बारे में जानकारी होने पर 11 सितंबर को मां ने जीजा राकेश को घर बुलाया। हमने आपस में बातचीत की और बबली को समझाया, लेकिन उसने कहा कि वह विक्रम से ही शादी करेगी। इसके बाद तीनों ने समाज में बेइज्जती के डर से बबली-विक्रम को मारने की साजिश रची। बबली से फोन करवाकर विक्रम को घर बुलाया।
इसके बाद दोनों को काफी समझाया, लेकिन वे नहीं माने। साजिश के तहत राकेश पानी में सल्फास घोलकर लाया और तीनों ने मिलकर बबली-विक्रम को जबरन पिला लिया। इसके बाद कमरा बंद करके बाहर बैठे रहे। कुछ देर बाद जब कमरे में गए तो दोनों जिंदा थे। इसके बाद चुन्नी से गला दबा कर दोनों की हत्या कर दी। फिर दोनों के शवों को वाहन में डालकर सिधुमुख नहर में फेंक दिया।
घर आने के बाद विक्रम की बाइक, मोबाइल फोन, चुन्नी और तकिया वाहन में डालकर साबरवास गांव की तरफ चल पड़े। रास्ते में कुम्हारिया मार्ग पर नहर में विक्रम की बाइक फेंक दी थी। चुन्नी, तकिया और अन्य सामान जला दिया था। इसके बाद तीनों जीजा के घर जाकर सो गए थे। अगले दिन मां ने आमदपुर थाना में बबली की गुमशुदगी की रपट दर्ज करवाई, ताकि किसी को शक न हो।