हिसार,
हिसार डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 10 साल पुराने बड़छप्पर दोहरे हत्याकांड मामले में 12 लोगों उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में कुल 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था। इसमें से दो की मौत हो गई, जबकि एक नाबालिग होने की वजह से बरी हो गया था।
क्या है बड़छप्पर हत्याकांड?
इस हत्याकांड में मारे गए संजय के भाई रामकेश ने बताया कि नारनौंद कस्बा के बड़छप्पर गांव में फरवरी 2010 में आरोपियों ने उनके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी। रामकेश ने बताया कि हमारे परिवार ने शामलाती भूमि पर गोबर डालने के लिए कुरड़ी बना रखी थी। दोषी परसराम, ओम प्रकाश इत्यादि शामलाती भूमि और कुरड़ी पर कब्जा करना चाहते थे। इस मामले में पंचायत भी हुई थी। पंचायत ने हमारे हक में ही फैसला सुनाया था। इसके बावजूद वे नहीं माने थे।
परसराम, ओम प्रकाश समेत अन्य दोषियों ने रात करीब 10 बजे जमीन पर फेंसिंग बनाना शुरू कर दिया। जब रामकेश और उसके परिवार ने इसका विरोध किया तो उनके ऊपर हमला किया गया। ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गई थीं। इसमें रामकेश के सगे भाई संजय ने गोलियां लगने पर मौके पर दम तोड़ दिया था। वहीं, चचेरे भाई विनोद उर्फ मनोज की PGI रोहतक में मौत हो गई थी। 6 अन्य गाेलियां लगने पर जख्मी हुए थे। रामकेश की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।
दोषियों के नाम बड़छप्पर वासी परसराम और इसके पुत्र कृष्ण, माला, इसके भाई मोहन उर्फ मोहिनी, भोलू और बजिंद्र उर्फ कालू के अलावा गांव के गंगादत्त, कलम सिंह, देवी राम, सुरेंद्र उर्फ छंगा, जींद वासी सोनू और रोहतक के गांव निडाना वासी जीवना हैं। इनके खिलाफ धारा 148, 149, 307, 302 और शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था।