आदमपुर,
गृह मंत्रालय ने किसानों द्वारा खेतों की जानवरों से रक्षा करने के लिए प्रयोग की जाने वाली टोपीदार गन को प्रतिबंधित कर दिया है। यह जानकारी आदमपुर क्षेत्र के गांव बगला में टोपीदार गन से एक जंगली मादा खरगोश का शिकार करने पर सामने आई। आरोपी अमरदास के खिलाफ वन्य जीव रक्षा विभाग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उसकी शिकायत आदमपुर थाने में दर्ज करवा दी।
वहीं अखिल भारतीय बिश्नोई जीव रक्षा समिति के कृष्ण राहड़ ने बताया कि सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण जीवों की दृश्यता कम हो जाती है। इसका फायदा उठाकर शिकारी उन पर हमला कर देते है। अक्सर खेतों में रखवाली के नाम पर एक विशेष समुदाय के लोग टोपीदार गन रखते हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार के शिकार को अंजाम देते हैं।
इंस्पेक्टर दिनेश जांगड़ा ने बताया कि गांव बगला में 12 दिसम्बर की रात अमरदास ने मादा जंगली खरगोश का शिकार टोपीदार गन से किया। विभाग ने शिकायत मिलते ही वन्य जीव रक्षा विभाग इंस्पेक्टर ने मौके पर पहुंचकर टोपीदार गन बरामद की। इसके बाद आरोपी व गन को आदमपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया। आदमपुर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 25/54/59 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया।
इसके साथ विभाग के इंस्पेक्टर दिनेश जांगड़ा ने बताया कि हरियाणा में टोपीदार गन रखना पूरी तरह से गैरकानूनी है। इसे प्रतिबंधित हथियार की श्रेणी में रखा गया है। ऐसे में आदमपुर पुलिस से रिक्वेस्ट की गई है कि वह स्पेशल अभियान चलाकर क्षेत्र को टोपीदार गन रहित बनाने में सहयोग करे। उन्होंने बताया कि आदमपुर क्षेत्र वन्य जीव के सुरक्षित क्षेत्र के रुप में जाना जाता है। खेतों की रखवाली के नाम पर कुछ चौकीदार अपने पास टोपीदार गन रखते हैं। इसका प्रयोग वे जानवरों को ड़राने के लिए करते हैं।
हरियाणा सरकार के गृह मंत्रालय ने 15 जून 2023 को टोपीदार गन रखने पर पूर्ण रुप से पाबंदी लगा दी। इसके बाद से टोपीदार गन का प्रयोग या रखना प्रतिबंधित हो गया। है। ऐसे में जिस भी किसान या चौकीदार के पास टोपीदार गन है वे उसे तुरंत पुलिस के हवाले करे ताकि वे कानूनी कार्रवाई से बच पाएं।