हिसार (कुलश्रेष्ठ)
कागजों में पब्लिक सर्वेेंट मानें जाने वाले सरकारी कर्मचारी पब्लिक की अपील नहीं आंदोलन करने की चेतावनी और कोर्ट की भाषा को अधिक मानते हैं। इन दिनों मूलभूत समस्याओं के समाधान के लिए आमजन जब आंदोलन की चेतावनी देते हैं या फिर मामला कोर्ट में जाता है, तब अधिकारियों के होश फाख्ता होते हैं और दौड़-दौड़ कर समस्या का समाधान करते हैं। पड़ाव चौक क्षेत्र और सूर्य नगर में कुछ ऐसा ही हुआ।
पड़ाव चौक क्षेत्र में पिछले चार दिनोंं से चौक के चारों तरफ की ठीक-ठाक सड़क को उखाड़ दिया औेर मलबा वहीं का वहीं रखे रहने दिया गया। क्षेत्रवासियों ने ठेकेदार से, क्षेत्र में ही रहने वाले मनोनीत पार्षदों से अनेक बार अपील की, मगर कोई समाधान नहीं हो सका। जब क्षेत्रवासी एवं दुकानदारों ने आंदोलन की चेतावनी दी तो समस्या का रात को ही समाधान हो गया।
पड़ाव चौक से कल देर रात को मलबा उठा लिया गया। आज सुबह जब दुकानदार क्षेत्र में पहुंचे तो थोड़ी राहत की सांस ली। दुकानदारों की जुबान पर एक ही बात थी कि अधिकारी आज अपील नहीं आंदोलन की भाषा ज्यादा जल्दी समझते हैं। शायद यही कारण था कि चार दिन से परेशान दुकानदारों ने जब क्षेत्रवासियों के साथ मिलकर आंदोलन की चेतावनी दी तब अधिकारियों की नींद खुली और ठेकेदार को निर्देश देकर रात को ही मलबा उठवाया। दुकानदारों ने कहा कि सड़क से मलबा उठने के बाद अब स्थिति यह है कि लोग पैदल तो आवागमन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा ठेकेदार को यह सख्त आदेश देने चाहिएं कि वह सड़क को आगे तब तक न उखाड़े जब तक टूटे हिस्से तक की सड़क को बना न लिया गया हो।
पूरी सड़क टुकड़ों में बनी, आमजन को फिलहाल कोई लाभ नहीं
लोगों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा अभी तक इस सड़क का कोई भी ऐसा हिस्सा नहीं है, जिसे पूरी तरह से बनाकर आमजन के आवागमन के लिए खोल दिया हो। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार को चाहिए कि सड़क का जो हिस्सा बन चुका है, उस हिस्सेे आपस में जोड़कर उसे आमजन के आवागमन के लिए खोल दे। इससे लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में अधिक परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी और लोगों को इस वैकल्पिक रास्ते का लाभ मिल सकेगा।
निगम प्रशासन ने स्वीकारा : सूर्य नगर की सड़क का लेवल ऊंचा है, ठीक करने के निर्देश
सूर्य नगर की गली नंबर 10 के लोग पिछले काफी समय से ठेकेदार की मनमानी को लेकर संघर्ष कर रहेे हैं। मामला कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट ने इस मामले में एक बार तो स्टे ऑर्डर भी जारी कर दिए। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के बावजूद हठी ठेकेदार और निगम के कुछ अधिकारियों की नींद अब खुली है। क्षेत्रवासियों ने जब सड़क का लेवल उठाने पर आंदोलन की चेतावनी दी और कोर्ट के अंतिम आदेश आने से सड़क को बनाने को चुनौती देने की बात कही तो बीते दिन निगम के एक जेई मौके पर पहुंचे और उन्होंने बन रही सड़क का लेवल जांचा। जेई ने ठेकेदार को सड़क का लेवल बताया और बाकायदा उस लेवल का निशान भी लगवाकर आए हैं। वहीं क्षेत्रवासियों ने कहा कि अधिकारी द्वारा दिए गए लेवल के निशान के अनुसार सड़क बनाते हैं तो ठीक है। यदि इसके बावजूद भी यदि ठेकेदार हटधर्मिता रखता है और चंद लोगों के प्रभाव में आकर क्षेत्र के अनेक घरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो वे इस मामले में न्याय मिलने तक संघर्षरत रहेंगे।
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