महिलाओं को जीवन में पूरा आदर देना चाहिए। जिस घर में नारी का सम्मान नहीं वहां का जल भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। जहां नारी का सम्मान नहीं वहां निशाचर निवास माना जाता है।
प्राचीन भारत का एक राज्य था प्राग्ज्योतिषपुर। वहां नरकासुर नाम का राक्षस था। जिसने 16100 महिलाओं को बंदी बना रखा था। श्रीकृष्ण तक ये बात पहुंची। उन्होंने नरकासुर से युद्ध किया। युद्ध में नरकासुर को मारकर 16100 महिलाओं को मुक्त करवाया।
नरकासुर के बंधन से मुक्त होने के बाद महिलाओं के परिजनों ने उन्हें अपनाने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वे अपवित्र हो चुकी हैं। तब श्रीकृष्ण ने महिलाओं से कहा मैं आप सबको आज से अपनी पत्नी का दर्जा देता हूं। मेरे घर में आप सब उसी सम्मान से रहेंगी—जैसा सम्मान एक पत्नी को मिलना चाहिए।
धर्मप्रेजी सुंदरसाथ जी, समाज में महिलाओं को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। नारी का कभी शोषण नहीं करना चाहिए। सामाजिक मान्यताओं और कुरीतियों के खिलाफ हमेशा खड़े होना चाहिए। अगर समाज किसी से उसका हक छीनता है तो हमें पीड़ित का साथ देना चाहिए। नारी का अपमान और अत्याचार करने वाले को सजा मिलनी चाहिए।