धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—140

किसी भी काम में स्थाई सफलता तभी मिलती है, जब अंतिम समय तक धैर्य का दामन थामे रहते हैं। जिस पल धैर्य छोड़कर जल्दबाजी करते हैं, उसी पल से असफल होने की संभावनाएं बढ़ने लगती हैं। परिस्थितियां अच्छी हों या बुरी, हमेशा धैर्य बनाए रखें।

श्रीकृष्ण जरासंध के बार—बार होने वाले मथुरा पर हमलों से अपनी प्रजा को बचाने के लिए बलराम के साथ गंभीरता से बात की। समस्या का स्थाई समाधान निकालने पर दोनों भाईयों ने विचार किया। इसके बाद श्रीकृष्ण ने द्वारका नगरी का निर्माण करके मथुरा की प्रजा को वहां भेज दिया। दोनों भाई वहां रह गए। जरासंध अपनी सेना को लेकर युद्ध के लिए पहुंचा तो वहां केवल श्रीकृष्ण और बलराम को देखकर दंग रह गया।

पूरी मथुरा खाली और युद्ध के मैदान में कोई सैनिक नहीं। जरासंध को देखकर श्रीकृष्ण भाग खड़े हुए। इस लीला से उनका नाम रणछोड़ भगवान पड़ गया। श्रीकृष्ण की इस लीला ने संदेश दिया कि परिस्थितियां अच्छी हों या बुरी, हमेशा धैर्य बनाए रखें। धैर्य से लिया गया निर्णय ही हमेशा कसौटी पर खरा उतरता है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk

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