हिसार

वर्चुअल कृषि मेले में ऑनलाइन डाक्युमेंट्री और वेबिनार से किसानों को मिलेगी हर जानकारी

एचएयु का वर्चुअल कृषि मेला (खरीफ) 9 व 10 मार्च को

हिसार,
यहां के हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से 9 व 10 मार्च को वर्चुअल कृषि मेला (खरीफ) आयोजित किया जाएगा। गत वर्ष 13 व 14 अक्तूबर को आयोजित वर्चुअल कृषि मेला (रबी) की तरह ही इस मेले के सफल आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व कर्मचारी फार्म क्षेत्र व अन्य विभागों में डाक्युमेंट्री व वीडियो क्लिप तैयार करवा रहे हैं। उनका मकसद मेले में वर्चुअल माध्यम से हर वो जानकारी किसानों को मुहैया करवाना है जो फिजिकली रूप से आयोजित मेले में करवाई जाती रही हैं।
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. आरएस हुड्डा ने बताया कि इस मेले के सफल आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का भी गठन किया गया है, जो किसानों के साथ संवाद व प्रश्नोत्तरी के अलावा मेले की हर गतिविधि पर नजर रखेंगे। उन्होंने बताया कि वर्चुअल कृषि मेले में भाग लेने के लिए कोई भी व्यक्ति ‘डब्लयू डब्लयू डब्लयू
डॉट एचएयू कृषि मेला डॉट काम’ (www.haukrishimela.com) वेबसाइट लिंक के माध्यम से स्वयं को पंजीकृत कर सकता है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के चलते प्रतिवर्ष की तरह आयोजित किया जाने वाला कृषि मेला फिजिकली रूप से आयोजित किया जाना संभव नहीं था। इसलिए विश्वविद्यालय ने इस संकट की घड़ी को अवसर में बदलते हुए इस बार वर्चुअल कृषि मेला आयोजित करने का फैसला लिया है ताकि किसानों को किसी प्रकार भी परेशानियों का सामना न करना पड़े और उन्हें हर प्रकार की कृषि संबंधी वैज्ञानिक जानकारी ऑनलाइन घर बैठे मिल सके।
वेबसाइट पर अपलोड की जा रही हैं वीडिय़ो क्लिपिंग
मेला अधिकारी एवं सह-निदेशक (विस्तार शिक्षा) डॉ. कृष्ण यादव ने बताया कि वर्चुअल कृषि मेले की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व उन्नत किस्मों आदि को लेकर वीडिय़ो क्लिपिंग बनाकर वेबसाइट पर अपलोड की जा रही हैं ताकि किसानों को ऑनलाइन माध्यम से हर प्रकार की जानकारी मिल सके। इन वीडिय़ो को देखने के बाद किसान की इनसे संबंधित कोई भी जिज्ञासा है तो वह वेबसाइट के उस पेज पर दिए गए लिंक के माध्यम से कृषि वैज्ञानिकों से जानकारी ले सकता है।
फसल विविधिकरण होगा मेले का थीम, कई विषयों पर होंगे वेबिनार
विस्तार शिक्षा निदेशालय के सह-निदेशक (किसान परामर्श केंद्र) डॉ. सुनील ढांडा ने बताया कि मेले का मुख्य थीम ‘फसल विविधिकरण’ होगा। इसी प्रकार खरीफ फसलों की उत्पादन तकनीक, किसानों के साथ ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी, कृषि में नवाचार, डेयरी व्यवसाय में बीमारियों से रोकथाम एवं इलाज का महत्व, डेयरी व्यवसाय में संतुलित आहार का महत्व सहित अनेक विषयों पर वेबिनार भी आयोजित किए जाएंगे। मेले के दिन 9 मार्च को सांय 4 से 5 बजे तक किसानों के लिए प्रश्नोत्तरी सत्र रखा गया है। इस दौरान किसान अपनी किसी भी प्रकार की समस्या को लेकर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के साथ सवाल-जवाब कर जानकारी ले सकते हैं।
फेसबुक व यू-ट्यूब से भी जुड़ सकेंगे किसान
वर्चुअल कृषि मेले का आनंद किसान विश्वविद्यालय के फेसबुक पेज व यू-ट्यूब चैनल से जुडक़र भी ले सकेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन रूप से ही ई-कृषि औद्योगिक प्रदर्शनी लगाई जाएंगी जिसमें किसान विश्वविद्यालय के अलावा अन्य क्षेत्रों की आधुनिकतम जानकारी हासिल कर सकेंगे। इन प्रदर्शनियों के लिए बुकिंग जारी है।
कृषि विज्ञान केंद्रों को भी सौंपी गई जिम्मेदारियां
मेले में अधिक से अधिक किसानों की भागीदारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों के इंचार्जों को इसका जिम्मा सौंपा गया है। कृषि विज्ञान केंद्रों के इंचार्ज किसानों के साथ सामाजिक दूरी, मास्क व सेनेटाइजेशन का ध्यान रखते हुए केंद्र पर भी वर्चुअल मेले में किसानों को जोड़ेंगे। इसके अलावा व्हाटशप व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से अधिक से अधिक किसानों के पास मेले का लिंक भेजकर किसानों को जोड़ा जा रहा है। विश्वविद्यालय का मकसद है कि गत वर्ष आयोजित वर्चुअल कृषि मेला (रबी) की तरह इस बार भी अधिकाधिक सख्ंया में किसान इस मेले में जुडक़र अपनी कृषि संबंधी जिज्ञासाओं को शांत करें। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों के पैनल बना दिए गए हैं, जो किसानों की सहायता के लिए मेले के दौरान हर समय ऑनलाइन रहेंगे।

Related posts

किसानों को समय पर गुणवत्तापरक बीज उपलब्ध करवाना प्राथमिकता : प्रो. बीआर कम्बोज

अधिकारियों की मनमानी का शिकार होने लगा आरटीआई एक्ट-2005

भगवान परशुराम जन सेवा समिति ने पक्षियों के लिये बांटे सैंकड़ों सकोरे